समृद्ध समाज के निर्माण के लिए स्वस्थ समाज का होना आवश्यक : मुख्यमंत्री

जयपुर, 18 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि समृद्ध समाज के निर्माण के लिए स्वस्थ समाज का होना बेहद आवश्यक है। राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संस्थान इसी दिशा में काम कर प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों का उत्तम स्वास्थ्य राज्य सरकार की पहली प्राथमिकता है तथा स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण कर राज्य सरकार आयुष्मान राजस्थान की संकल्पना को साकार कर रही है।

शर्मा मंगलवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े संस्थानों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के जीवन में शिक्षा-चिकित्सा मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है तथा इसमें किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जा सकता। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिए अभियान चलाएं जिससे देश-समाज को इसका फायदा हो सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने अपने छह माह के अल्प कार्यकाल में ही चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए हैं। विकसित भारत संकल्प यात्रा में स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों में राजस्थान देश में प्रथम स्थान पर रहा। साथ ही, 10 हजार से अधिक वेलनेस सेंटर को आयुष्मान आरोग्य मंदिर के रूप में परिवर्तित कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेशवासियों को गुणवत्तापूर्ण खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में चिकित्सा विभाग द्वारा ‘मिलावट के खिलाफ अभियान’ के तहत निरंतर निरीक्षण किए गए।

शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए जयपुर में आईपीडी टावर का भी निर्माण करवाया जा रहा है जिससे प्रदेश में एयर एंबुलेंस जैसी विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध होंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा भारतीय चिकित्सा पद्धति को और अधिक विकसित करने, चिकित्सा में भर्ती प्रक्रियाओं मंे गति, अस्पतालों में आईटी के उपयोग, स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता, कैंसर स्क्रीनिंग को बढ़ाने सहित विभिन्न कदम उठाए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय के द्वारा दी गई एकात्म मानववाद की अवधारणा चिकित्सा क्षेत्र में बहुत कारगर साबित हो सकती है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जन सेवा और जनभावनाओं से जुड़ा विभाग है, ऐसे में ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना से कार्य करते हुए प्रत्येक जरूरतमंद तक स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ पहुंचाएं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सा के क्षेत्र में राज्य को देश में अग्रणी बनाने तथा अंतिम छोर पर खड़े प्रत्येक व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए कृतसंकल्पित है।

शर्मा ने कहा कि आगामी परिवर्तित बजट में पांच साल के रोडमैप के साथ विकसित राजस्थान-2047 की परिकल्पना को भी शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कार्ययोजना भविष्य की मांग को ध्यान में रखकर बनाई जाएगी तो संसाधनों का भी उचित आवंटन होगा तथा विजन को भी पूरा किया जा सकेगा। मुख्यमंत्री ने बैठक में आए प्रतिनिधियों से कहा कि वे अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं तथा इनके द्वारा दिए गए सुझाव आमजन के लिए लाभकारी हैं। उन्होंने कहा कि प्रतिनिधियों के द्वारा दिए गए सुझावों पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा तथा इन सुझावों को शामिल कर प्रदेशवासियों के लिए लोक कल्याणकारी बजट लाया जाएगा।

बैठक में उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत, सुगम एवं संवेदनशील बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि आगामी बजट में सबका साथ-सबका विकास की अवधारणा पर बल देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं का और अधिक सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। बैठक में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य संगठनों के प्रतिनिधियों ने बजट पूर्व संवाद में उन्हें आमंत्रित करने पर मुख्यमंत्री का धन्यवाद दिया। इस दौरान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य शुभ्रा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त अखिल अरोरा, अतिरिक्त मुख्य सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय शिखर अग्रवाल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री कार्यालय आलोक गुप्ता, विभागीय अधिकारी एवं आईएलबीएस हॉस्पिटल, महावीर कैंसर हॉस्पिटल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज, नारायणा हॉस्पिटल, मारवाड़ मेडिकल कॉलेज, आरयूएचएस, आईएमए राजस्थान ब्रांच, राजस्थान डेंटल काउंसिल के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न चिकित्सा एवं स्वास्थ्य से जुड़े संस्थानों के प्रतिनिधि मौजूद थे।