जम्मू, 18 जून (हि.स.)। राजौरी के दूरदराज और अविकसित क्षेत्रों में शिक्षा के मानक को ऊपर उठाने के एक महत्वपूर्ण प्रयास में, भारतीय सेना ने गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) परिवारों के छात्रों के लिए ट्यूशन कक्षाओं की एक महीने की श्रृंखला को सफलतापूर्वक पूरा किया है। 17 मई से 17 जून तक आयोजित इस पहल ने गुंडा और आस-पास के गांवों में रहने वाले छात्रों को महत्वपूर्ण शैक्षणिक सहायता प्रदान की।
ट्यूशन कक्षाओं का उद्देश्य छात्रों को प्रमुख अवधारणाओं को समझने, उनके शैक्षणिक प्रदर्शन को बेहतर बनाने और भविष्य की पढ़ाई के लिए एक मजबूत आधार बनाने में सहायता करना था। शिक्षा से परे कार्यक्रम ने छात्रों के समग्र विकास पर ध्यान केंद्रित किया, अनुशासन, टीम वर्क और नेतृत्व के मूल्यों को स्थापित किया। शैक्षिक सहायता के अलावा, भारतीय सेना ने भाग लेने वाले छात्रों को किताबें और स्टेशनरी आइटम वितरित किए, यह सुनिश्चित करते हुए कि वित्तीय बाधाएं उनकी शैक्षिक प्रगति में बाधा न बनें। यह पहल दूरदराज के क्षेत्रों में शिक्षा और सामुदायिक विकास के लिए सेना की अटूट प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
भारतीय सेना की यह पहल वंचित समुदायों तक पहुँचने और यह सुनिश्चित करने के लिए उसके समर्पण को उजागर करती है कि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिले। इस तरह का समर्थन प्रदान करके सेना युवाओं में आशा और सशक्तिकरण की भावना को बढ़ावा देती है जिससे एक उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त होता है।