पूंजी बाजार नियामक सेबी डीमैट खातों से जुड़े नियमों में बदलाव करने की योजना बना रहा है। सेबी ने बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट (बीएसडीए) में सिक्योरिटीज डिपॉजिट की सीमा बढ़ाने की योजना बनाई है।
आपको बता दें कि वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट की शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी।
फिलहाल बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट में 2 लाख रुपये तक की अन्य सिक्योरिटीज रखी जा सकती हैं। अब सेबी इस सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपये करने की योजना बना रहा है।
बेसिक डीमैट अकाउंट क्या है?
बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट एक तरह का डीमैट अकाउंट है। यह अकाउंट खुदरा निवेशकों के लिए है। इस अकाउंट में निवेशक स्टॉक, बॉन्ड, ईटीएफ, म्यूचुअल फंड आदि में निवेश नहीं कर सकता। इसके अलावा, इस अकाउंट का रखरखाव खर्च भी कम है।
सेबी ने इस खाते में प्रतिभूतियों की सीमा बढ़ाने के लिए परामर्श पत्र जारी किया है। सेबी ने परामर्श पत्र में पूछा है कि बेसिक सर्विसेज डीमैट खाते की सीमा बढ़ाई जानी चाहिए या नहीं।
सेबी क्यों बढ़ाना चाहती है सीमा?
सेबी के परामर्श पत्र के अनुसार, पिछले 10 सालों में स्टॉक एक्सचेंज की ग्रोथ और सिक्योरिटीज मार्केट में रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ी है। रिटेल निवेशकों की भागीदारी में बढ़ोतरी को देखते हुए सेबी डीमैट अकाउंट की सीमा बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके अलावा सेबी मेंटेनेंस चार्ज पर भी विचार कर रही है।
बेसिक सर्विसेज डीमैट अकाउंट 4 लाख से 10 लाख रुपये तक की सिक्योरिटीज पर 100 रुपये चार्ज करने की योजना बना रहा है। फिलहाल ब्रोकरेज फर्म द्वारा 1 लाख रुपये तक की डेट सिक्योरिटीज और 50,000 रुपये की नॉन-डेट सिक्योरिटीज पर कोई चार्ज नहीं लगाया जाता है। सेबी डेट सिक्योरिटीज की सीमा को बढ़ाकर 4 लाख रुपये करने का भी प्रस्ताव कर रहा है।