विदेशी मदद पर भारी सांस ले रहे पाकिस्तान में खाने-पीने की चीजों के दाम एक बार फिर बढ़ गए हैं. बकरीद से पहले पाकिस्तान में टमाटर की कीमत 200 रुपये प्रति किलो हो गई है. ऐसे में पाकिस्तान की गरीब जनता के लिए बकरीद का त्योहार फीका पड़ रहा है. बकरीद के चलते नॉनवेज बनाने का चलन है, ऐसे कई खाद्य पदार्थ हैं जिनमें टमाटर की जरूरत होती है. फिलहाल टमाटर की कीमत बढ़ने से यह आम लोगों की पहुंच से बाहर हो गया है. अप्रैल महीने में ईद के मौके पर टमाटर 500 रुपये प्रति किलो तक बिका था.
त्योहार से पहले पाकिस्तान में महंगाई बढ़ी
भारत और पाकिस्तान समेत कई देशों में आज ईद-उल-अजहा या बकरीद का त्योहार मनाया जा रहा है. बकरीद से पहले मुस्लिम समुदाय के लोग जमकर खरीदारी करते हैं. साथ ही बकरीद के मौके पर लजीज पकवान भी बनाए जाते हैं, लेकिन हर बार पाकिस्तान में त्योहार से पहले महंगाई चरम पर पहुंच जाती है. पेशावर में पाकिस्तानी रुपये की खुदरा कीमत 200 पाकिस्तानी रुपये को पार कर गई है. जिला प्रशासन की ओर से टमाटर की अधिकतम कीमत 100 रुपये प्रति किलो तय की गई है, लेकिन टमाटर दोगुने से भी ज्यादा कीमत पर बिक रहा है.
ईद पर टमाटर 500 रुपये किलो बिका
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिले के उपायुक्त द्वारा धारा 144 के तहत जिले से बाहर टमाटर ले जाने पर प्रतिबंध लगाने के बाद एक दिन में टमाटर की कीमत 100 रुपये प्रति किलो तक बढ़ गई है. माना जा रहा है कि सरकारी अधिसूचनाएं सिर्फ सरकारी कागजों तक ही सीमित हैं और जमीन पर महंगाई चरम पर है. अप्रैल महीने में ईद के मौके पर पाकिस्तान में टमाटर की खुदरा कीमत बढ़कर 500 रुपये प्रति किलो हो गई.
प्याज और आलू के दाम भी बढ़े
पाकिस्तान में महंगाई के चलते टमाटर के बाद अब यहां प्याज और आलू भी महंगे हो गए हैं. त्योहार के दौरान इन चीजों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने से लोगों का त्योहार फीका होता जा रहा है. यहां ए-ग्रेड आलू की कीमत 75-80 रुपये प्रति किलो है, लेकिन ये 130-140 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. प्याज की सरकारी कीमत में गिरावट आई है, ए-ग्रेड प्याज की कीमत 100-105 रुपये प्रति किलोग्राम है, लेकिन महानगरों के बाजारों में यह 150 रुपये प्रति किलोग्राम पर बेचा जा रहा है।
पाकिस्तान में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हो गई हैं
पाकिस्तान में हालिया कर सुधार महंगाई रोकने में सफल साबित नहीं हुआ है. सस्टेनेबल डेवलपमेंट पॉलिसी इंस्टीट्यूट (एसडीपीआई) के कार्यकारी निदेशक आबिद सुलेरी ने महंगाई कम करने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि आयकर ब्रैकेट बनाते समय मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए न्यूनतम कर योग्य आय सीमा को समायोजित किया जाना चाहिए, जिससे काफी हद तक मुद्रास्फीति पर अंकुश लगाया जा सके। आपको बता दें कि पाकिस्तान सरकार ने बकरीद से पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम कर दी हैं.