नई दिल्ली: प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने कोविड-19 एडवांस सुविधा को तत्काल प्रभाव से बंद करने का ऐलान किया है। कोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान ईपीएफ सदस्यों को नॉन-रिफंडेबल एडवांस की सुविधा दी गई थी। इसके बाद महामारी की दूसरी लहर को देखते हुए 31 मई 2021 से एक और एडवांस की भी इजाजत दी गई। ईपीएफओ ने 12 जून 2024 को जारी एक सर्कुलर में इस सुविधा को बंद करने का ऐलान किया है। इसमें कहा गया है कि अब कोविड-19 महामारी नहीं रही, इसलिए उसने एडवांस सुविधा को तत्काल प्रभाव से बंद करने का फैसला किया है। यह फैसला छूट प्राप्त ट्रस्टों पर भी लागू होगा। ईपीएफ खाते के लिए निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मियों के मूल वेतन से 12 फीसदी की कटौती की जाती है। साथ ही कंपनी भी इतनी ही रकम कर्मचारी के पीएफ खाते में जमा करती है। ईपीएफ खातों से पैसे निकालने के प्रावधान की घोषणा सबसे पहले मार्च 2020 में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) के तहत की गई थी। जून 2021 में श्रम मंत्रालय ने घोषणा की थी कि EPF सदस्य अपने EPF खातों से दूसरा नॉन-रिफंडेबल एडवांस प्राप्त कर सकते हैं। इससे पहले, EPF सदस्यों के लिए केवल एकमुश्त एडवांस की सुविधा उपलब्ध थी। EPFO अपने सदस्यों को तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते या EPF खाते में उपलब्ध राशि का 75%, जो भी कम हो, नॉन-रिफंडेबल निकासी की अनुमति देता है। हालांकि, सदस्य कम राशि के लिए भी आवेदन कर सकते हैं। EPFO ने घर, शादी और शिक्षा से जुड़े एडवांस दावों के लिए ऑटो-मोड सेटलमेंट लागू किया है।
कोविड अग्रिम सुविधा
कोविड एडवांस के तौर पर ईपीएफ सब्सक्राइबर तीन महीने के मूल वेतन और महंगाई भत्ते या खाते में शेष राशि के 75 फीसदी तक की गैर-वापसी योग्य निकासी कर सकते थे, जो भी कम हो। इसके लिए सदस्य या नियोक्ता को कोई प्रमाण पत्र या दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं थी। अगर कोई कर्मचारी, उसके माता-पिता, जीवनसाथी या बच्चे कोविड के कारण बीमार पड़ जाते हैं तो सदस्य को पैसे निकालने की सुविधा थी। इस तरह की ईपीएफ निकासी में कोई लॉक-इन अवधि या न्यूनतम सेवा की जरूरत नहीं थी। आंकड़ों के मुताबिक कुल 2.2 करोड़ सब्सक्राइबर्स ने कोरोना एडवांस सुविधा का लाभ उठाया, जो ईपीएफओ के कुल सदस्यों की संख्या का एक तिहाई से भी ज्यादा है। यह सुविधा 2020-21 में शुरू हुई थी और तीन साल तक चली थी। इस दौरान पीएफ सब्सक्राइबर्स ने कोरोना एडवांस के तौर पर 48,075.75 करोड़ रुपये निकाले। ईपीएफओ की ड्राफ्ट एनुअल रिपोर्ट 2022-23 में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार ईपीएफओ ने 2020-21 में 17,106.17 करोड़ रुपये वितरित किये जिससे 69.2 लाख अंशधारकों को लाभ मिला। वर्ष 2021-22 में 91.6 लाख अंशधारकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया और 19,126.29 लाख करोड़ रुपये निकाले।