अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय को मॉडल के रूप में विकसित किया जाए: संभागायुक्त

इन्दौर, 13 जून (हि.स.)। संभागायुक्त दीपक सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय इन्दौर में समीक्षा बैठक हुई। बैठक में उन्होंने आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की व्यवस्थाओं, प्रबंधों तथा आमजन को आयुर्वेद चिकित्सा सेवाएं पहुंचाने के संबंध में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सालय का निरीक्षण भी किया। उन्होंने शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय और चिकित्सालय इन्दौर को आदर्श आयुर्वेद चिकित्सा केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए निर्देश दिए।

उन्होंने इंदौर नगर में रेसीडेन्सी एवं अन्य क्षेत्र में पंचकर्म केन्द्र स्थापना के लिए प्रोजेक्ट तैयार करते हुए ऑटोनोमस तरीके से उक्त केन्द्रों के संचालन हेतु प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने आयुर्वेद चिकित्सालय के माध्यम से प्रत्येक पुक्ष्य नक्षत्र में बच्चों को स्वर्ण प्राशन विधि से दवाई की खुराक पिलाने की प्रक्रिया को अधिक से अधिक आमजन तक प्रसारित करने संबंधित निर्देश दिए। उन्होंने गर्भवती महिलाओं को आयुर्वेद चिकित्सा के तहत योग तथा प्रसव के दौरान बच्चे और माता के बेहतर स्वास्थ्य संबंधित आयुर्वेद सेवाओं के व्यापक प्रसार संबंधी निर्देश दिए। उन्होंने कहा उक्त संस्था की फैकल्टी एवं विद्यार्थियों के माध्यम से प्राचीन आयुर्वेद के महत्व को आमजन तक अधिक से अधिक पहुंचाने के लिए विशेष प्रयास किये जाए।

बैठक में संभागायुक्त ने निर्देश दिए कि इंदौर आयुर्वेद महाविद्यालय और चिकित्सालय को मॉडल रूप में विकसित करने के प्रस्ताव तैयार कर शासन स्तर पर भेजा जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय को सोलर एनर्जी से आत्मनिर्भर किया जाए। उन्होंने पंचकर्म सेंटर विकसित करने, नाडी चिकित्सा को प्रोत्साहित करने और इसके महत्व की जानकारी आमजन तक पहुंचाने हेतु विशेष प्रयास करने की बात कही। श्री सिंह ने निर्देश दिए कि महाविद्यालय में कृत्रिम मानव अंगों के मॉडल रखे जाकर विद्यार्थियों को चिकित्सा सेवा में उसके महत्व की जानकारी दी जाए।

संभागायुक्त सिंह ने मां सरस्वती एवं भगवान धन्वन्तरि के चित्र का पूजन, माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन कर बैठक का शुभारंभ किया। उन्होंने महाविद्यालय के क्लास रूम, प्रयोगशाला कक्ष, म्यूजियम, नाडी चिकित्सा केन्द्र, काय चिकित्सालय, आयुर्वेद चिकित्सालय में पंचकर्म केन्द्र, ओपीडी एवं दवाई वितरण केन्द्र, वार्ड आदि का अवलोकन करते हुए आमजन को दी जा रही आयुर्वेद चिकित्सा उपचार संबंधित जानकारी भी ली।

बैठक में शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय इंदौर के प्राचार्य डॉ. ए.पी. चौहान ने संस्थान संबंधित जानकारी और आयुर्वेदिक चिकित्सा सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय इन्दौर को आयुर्वेदिक दवाई तैयार करने हेतु कमर्शियल लाइसेंस मिला है जिसके अंतर्गत संस्थान के द्वारा 10 आयुर्वेदिक प्रोडक्ट तैयार किये जा रहे। बैठक में संस्थान के डॉ. अखिलेश भार्गव, डॉ. एस.के. दास अधिकारी एवं डॉ. प्रीति हरदेनिया सहित अन्य फैकल्टी उपस्थित थे।

इंदौर में मेडीशनल प्लांट का हर्बल गार्डन विकसित करने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करें

शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय इन्दौर परिसर में 200 प्रजाति के दुर्लभ और आयुर्वेद के विशेष महत्व वाले औषधीय पौधों का हर्बल गार्डन है। संभागायुक्त दीपक सिंह ने इस गार्डन का निरीक्षण करते हुए इसे और बेहतर तरीके से विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्देश दिए कि वर्षाकाल में नगर निगम, वन विभाग और आईडीए से समन्वय करते हुए आयुर्वेद विभाग इन्दौर नगर में एक हर्बल गार्डन विकसित करने के लिए प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करें। इस हर्बल गार्डन को विकसित करने से अधिक से अधिक आमजन को आयुर्वेद और आयुर्वेदिक जडी बुटियों के महत्व और गुणों की जानकारी मिल सकेगी।

संभाग की गौशालाओं के प्रतिनिधियों को गोमूत्र के आयुर्वेदिक महत्व हेतु प्रशिक्षण आयोजित करने के निर्देश दिए

संभागायुक्त दीपक सिंह ने शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेद महाविद्यालय एवं चिकित्सालय इंदौर के प्राचार्य को निर्देश दिए कि संभाग के विभिन्न जिलों में संचालित गौशालाओं के प्रबंधकों का एक सर्टिफिकेट कोर्स आयोजित किया जाए, जिसमें उन्हें गोमूत्र के आयुर्वेदिक महत्व का विस्तृत प्रशिक्षण प्रदान किया जाए तथा उक्त गौशालाओं के माध्यम से गोमूत्र का शोधन करते हुए उसका आयुर्वेदिक और व्यवसायिक महत्व बताते हुए गौशालाओं को सशक्त किया जाए।