कोलकाता, 13 जून (हि.स.)। पश्चिम बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर जिले में 2016 के विधानसभा चुनाव से लेकर 2024 के लोकसभा चुनाव तक भाजपा का प्रदर्शन कई मामलों में सबक सिखाने वाला है। आंकड़ों पर गौर करें तो पता चलता है कि कांथी और तामलुक संसदीय क्षेत्र पार्टी की भावी चुनावी रणनीतियों के लिए मानक हो सकते हैं।
लोकसभा चुनाव परिणामों का विधानसभावार ब्योरा दिखाता है कि पूर्व मेदिनीपुर के 14 विधानसभा क्षेत्रों में, कांथी और तामलुक के अंतर्गत सात-सात क्षेत्रों में से भाजपा उम्मीदवार 13 पर आगे थे। कांथी लोकसभा के अंतर्गत पटाशपुर एकमात्र अपवाद था, जहां सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस आगे थी। 14 में से 13 विधानसभा क्षेत्रों में मिली बढ़त के चलते भाजपा ने कांथी और तामलुक की सीट तृणमूल कांग्रेस से छीन ली। 2019 के चुनाव में यहां से तृणमूल के उम्मीदवार विजयी हुए थे।
उस समय भाजपा ने राज्य की 42 में से 18 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल की थी। लेकिन 2019 में पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के मौजूदा नेता (एलओपी) शुभेंदु अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के साथ थे। पूर्व मेदिनीपुर जिले के मूल निवासी अधिकारी उस समय राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य थे।
अगर 2016 के विधानसभा चुनावों से तुलना की जाए, तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि भाजपा ने कैसे पिछले कुछ वर्षों में पूर्व मेदिनीपुर जिले में अपने संगठनात्मक नेटवर्क को मजबूत किया है। 2016 में, भाजपा उम्मीदवारों को न केवल जिले के सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों में हार का सामना करना पड़ा था, बल्कि वे सभी में तीसरे स्थान पर थे।
तृणमूल कांग्रेस की जीत का सिलसिला 2019 के लोकसभा चुनावों में भी जारी रहा। इसमें सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवारों ने कांथी और तामलुक दोनों सीटों पर जीत हासिल की।
इसके बाद 2020 में, अधिकारी भाजपा में शामिल हो गए। भाजपा में उनके शामिल होनेे से पूर्व मेदिनीपुर जिले में भाजपा का संगठनात्मक नेटवर्क मजबूत हुआ।
2021 के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने पहली बार पूर्व मेदिनीपुर में सफलता का स्वाद चखा। पार्टी ने वहां की 14 में से आठ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शेष छह सीटें तृणमूल कांग्रेस के पक्ष में गईं। जिन छह सीटों पर तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार विजयी हुए, वहां भाजपा उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे और कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन तीसरे स्थान पर रहा। अधिकारी खुद तामलुक लोकसभा के अंतर्गत नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित हुए। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराया था।
हालांकि इस बार लोकसभा चुनाव 2024 में, भाजपा ने पूर्व मेदिनीपुर में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ चुनावी प्रदर्शन किया है।