गांव को गांव रहने दें, शहरी परिवेश में ना ढालें:राज्यपाल

भागलपुर, 13 जून (हि.स.)। भागलपुर के बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन गुरुवार को किया गया। अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का मुख्य मकसद कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था का सशक्तिकरण आजादी से अमृतकाल तक ग्रामीण विकास की यात्रा पर परिचर्चा से संबंधित रहा। इस दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी का विधिवत उद्घाटन बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने किया गया।

राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि गांव को गांव रहने दें शहर बनाने की कोशिश ना करें। गांव में सारी मूलभूत सुविधा दें लेकिन शहरी परिवेश जन्म ना ले, इस पर विशेष ध्यान रखने की जरूरत है और किसान आर्थिक रूप से मजबूत हो इस पर सरकार विशेष कार्य कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जो योजना है वह धरातल पर जल्द उतरेगी।

दो दिवसीय संगोष्ठी में विशिष्ट अतिथि के रूप में बिहार के कृषि एवं स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय वर्चुअल माध्यम से जुड़े रहे। उद्घाटन सत्र् के अध्यक्ष के रूप में बीएयू सबौर के कुलपति डॉ डी आर सिंह रहे। बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर तथा एक्सेलेंट विजन फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वाधान में इसका आयोजन किया जा रहा है। इसके संयोजक बीएयू सबौर के अधिष्ठाता (कृषि), डॉ अजय कुमार साह थे। मुख्य वक्ता के रूप में सामाजिक कार्यकर्ता रामाशीष सिंह मौजूद रहे। इस सेमिनार में अमेरिका, नेपाल, श्रीलंका तथा भारत के वैज्ञानिक, शिक्षक, शोधकर्ता, विद्यार्थी, प्रगतिशील किसान और उद्यमी मौजूद थे। जिनकी कुल संख्या 500 से अधिक रही। भारत के कुल 10 राज्य एवं 06 कृषि विश्वविद्यालय के प्रतिभागी शामिल रहे।

इस संगोष्ठी में कुल 05 विश्वविद्यालय के कुलपति एवं एन आई टी, दुर्गापर के निदेशक भी मौजूद रहे। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में आजादी से अमृतकाल तक की विकास यात्रा पर विवेचन तथा कृषि एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए चर्चा की गई।

अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के माध्यम से देश-विदेश के वैज्ञानिकों को विश्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीकों पर ध्यानार्कषण भी किया गया, जिससे आने वाले समय में बीएयू को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने में सहायता मिलेगी।