आयकर रिटर्न: आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करते समय टीडीएस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। टीडीएस सरकार द्वारा जारी एक तरह की व्यवस्था है। इसमें करदाता की आय से काटा गया कर शामिल होता है।
टीडीएस क्या है?
आपको बता दें कि टीडीएस एक तरह की व्यवस्था है जिसे सरकार ने टैक्स चोरी रोकने के लिए शुरू किया था। यह किसी भी वेतन, ब्याज, किराया या पेशेवर शुल्क का भुगतान करने से पहले एक निश्चित राशि में कर के रूप में काटा जाता है। टीडीएस में शामिल राशि सीधे सरकार के पास जाती है।
अगर ज्यादा टीडीएस राशि कटती है तो करदाता आईटीआर दाखिल करते समय टीडीएस कटौती का दावा कर सकता है। आईटीआर में फॉर्म 26एएस में टीडीएस से जुड़ी राशि की जानकारी होती है।
फॉर्म 26AS में होती है ये जानकारी
फॉर्म 26AS के भाग A में पूरे कारोबारी वर्ष के दौरान आय से काटे गए TDS की जानकारी होती है। इसमें कटौतीकर्ता का नाम, TAN नंबर, आय का स्रोत, TDS जमा करने की तिथि आदि जैसी जानकारी होती है।
फॉर्म 26AS में दी गई टीडीएस की जानकारी सत्यापन के बाद ही दाखिल की जानी चाहिए। अब सवाल यह उठता है कि अगर फॉर्म 26AS में टीडीएस से जुड़ी जानकारी फॉर्म 16 से मेल नहीं खाती तो क्या करें?