जम्मू कश्मीर आतंकवादी हमला: जम्मू कश्मीर में लगातार आतंकवादी हमले हो रहे हैं। पिछले तीन दिनों में रियासी, कठुआ और डोडा में तीन जगहों पर आतंकी हमले हुए हैं. अब राजौरी के नौशेरा सेक्टर में दो आतंकी सामने आए हैं. सुरक्षा बलों ने यहां सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है. अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये हैं. ऐसे में जम्मू में एक साथ चार जगहों पर मेगा कॉम्बिंग ऑपरेशन चल रहा है.
9 जून को रियासी में पहला हमला
सबसे पहले 9 जून को जम्मू-कश्मीर के रियासी में आतंकियों ने तीर्थयात्रियों की बस पर हमला किया था. हमला 9 जून को शाम करीब 6:15 बजे हुआ था. आतंकियों ने बस पर फायरिंग की जिसके बाद बस अनियंत्रित हो गई और गहरी खाई में गिर गई. बस पर हमला करने वाले आतंकी पहाड़ी इलाके में छिपे हुए थे.
कठुआ हमले में दो आतंकी ढेर
फिर मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के कठुआ के एक गांव में आतंकी घुस गए. आतंकियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ में अब तक दो आतंकी मारे गए हैं. सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया गया है.
कठुआ जिले के एक गांव में आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों का ऑपरेशन शुरू हो गया है. इसी जिले के हीरानगर सेक्टर के सैदा सुखल गांव पर मंगलवार शाम आतंकियों ने हमला कर दिया. सुरक्षा बलों की कार्रवाई में सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हो गया है.
मंगलवार शाम कठुआ में आतंकियों की फायरिंग में जम्मू-कश्मीर के दो DIG रैंक और SSP रैंक के अधिकारियों की कारों को भी निशाना बनाया गया. इस हमले में ये अधिकारी बाल-बाल बचे।
डोडा में भी आतंकी हमला हुआ
इसके बाद जम्मू-कश्मीर के डोडा में भी आतंकियों ने हमला किया. तीन दिन में यह तीसरा हमला था. आतंकवादियों ने डोडा में सेना के अस्थायी संचालन अड्डे पर गोलीबारी की और सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ शुरू हो गई।
डोडा के छत्रकला में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी में सेना के पांच जवानों सहित कुल छह लोग घायल हो गए हैं। घायलों में एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) भी शामिल है। घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है। इस हमले की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स नाम के आतंकी संगठन ने ली है.
अचानक क्यों बढ़ रहे हैं आतंकी हमले?
जम्मू-कश्मीर में अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. इस विधानसभा चुनाव से पहले आतंकी जम्मू-कश्मीर में डर फैलाना चाहते हैं. इसलिए आतंकियों ने ताबड़तोड़ हमले किए हैं.
खुफिया जानकारी के मुताबिक, टीआरएफ का ऑफशूट हिट दस्ता जिसे फाल्कन स्क्वाड के नाम से जाना जाता है, ऐसे हमलों को अंजाम देता है। आतंकियों के इस गिरोह में विदेशी आतंकी भी शामिल हैं.