अधिकतर लोग सोचते हैं कि मधुमेह मीठा खाने से होता है। लेकिन आपको बता दें कि शराब से डायबिटीज का खतरा भी बढ़ सकता है और जो लोग पहले से ही डायबिटीज के मरीज हैं उनके लिए यह शराब जानलेवा हो सकती है। तो आइए आज हम आपको बताते हैं कि यह शराब आपके ब्लड शुगर लेवल को कैसे प्रभावित करती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि शराब और टाइप-2 डायबिटीज के बीच गहरा संबंध है, जो आपके शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालता है और रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है और साथ ही वजन भी बढ़ा सकता है।
हाइपोग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जब शरीर में रक्त शर्करा का स्तर गिर जाता है, खासकर जब आप खाली पेट या मधुमेह की दवा लेने के तुरंत बाद शराब पीते हैं, जिससे रक्त शर्करा का स्तर तेजी से गिरने लगता है।
डायबिटीज के मरीजों के लिए अपने वजन पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी है, नहीं तो डायबिटीज की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है। ऐसे में शराब में कैलोरी की मात्रा भी अधिक होती है, जिससे वजन बढ़ सकता है।
खासकर जब किसी एनर्जी ड्रिंक या कार्बोहाइड्रेट ड्रिंक के साथ शराब का सेवन किया जाता है और उसके साथ तले हुए स्नैक्स लिए जाते हैं।
शराब पीने वाले लोगों में इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ सकती है और मधुमेह के रोगियों पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
हाइपरग्लेसेमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें रक्त शर्करा का स्तर बढ़ जाता है। जब शराब का सेवन कोल्ड ड्रिंक, एनर्जी ड्रिंक या जूस जैसे कार्बोहाइड्रेट पेय के साथ किया जाता है, तो यह रक्त शर्करा के स्तर को बढ़ा सकता है और हाइपरग्लेसेमिया का कारण बन सकता है।