पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने पर पीएम मोदी को बधाई दी. इसके लिए पीएम मोदी ने उन्हें धन्यवाद भी दिया. इसके बाद शाहबाज के बड़े भाई और पूर्व पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ ने भी पीएम मोदी को बधाई दी. नवाज के ट्वीट का प्रधानमंत्री मोदी ने भी जवाब दिया.
ख्वाजा आसिफ ने क्या कहा?
रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘मोदी को भारत का प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देना सिर्फ एक कूटनीतिक मजबूरी है।’ रिपोर्ट के मुताबिक, आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान ने मोदी को कोई ‘प्रेम संदेश’ नहीं भेजा है. उन्होंने इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले शाहबाज को मोदी द्वारा भेजे गए बधाई संदेश का भी जिक्र किया।
शाहबाज और नवाज शरीफ ने पीएम मोदी को बधाई दी
आपको बता दें कि शाहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि धन्यवाद. पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (पीएमएल-एन) के प्रमुख नवाज शरीफ की ओर से पीएम मोदी को बधाई संदेश भेजा गया. नवाज ने इंस्टाग्राम पर लिखा, ‘तीसरी बार प्रधानमंत्री पद संभालने पर मोदीजी को मेरी हार्दिक बधाई। हाल के चुनावों में आपकी पार्टी की सफलता आपके नेतृत्व में लोगों के विश्वास को दर्शाती है।
पूर्व पाकिस्तानी पीएम ने क्या कहा?
पूर्व पाकिस्तानी पीएम ने कहा, ‘आइए हम नफरत को आशा से बदलें और दक्षिण एशिया में दो अरब लोगों के भविष्य को आकार देने के लिए इस अवसर का लाभ उठाएं।’ ट्विटर पर शरीफ के बधाई संदेश का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने कहा, ”आपकी शुभकामनाओं के लिए शाहबाज शरीफ को धन्यवाद.” नवाज के बधाई संदेश का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ‘मैं आपके संदेश की सराहना करता हूं. भारत के लोग हमेशा शांति, सुरक्षा और प्रगतिशील विचारों के लिए खड़े रहे हैं। अपने लोगों की भलाई और सुरक्षा को आगे बढ़ाना हमेशा हमारी प्राथमिकता रहेगी।
पिछले कुछ समय से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा हुआ है
पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में फरवरी 2019 में भारतीय युद्धक विमानों द्वारा पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर पर बमबारी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। 5 अगस्त, 2019 को भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने की घोषणा के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में और खटास आ गई। भारत का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंध चाहता है और इस बात पर जोर देता है कि ऐसे संबंधों के लिए आतंकवाद और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाना इस्लामाबाद की जिम्मेदारी है।