हाईटेक होगी ट्रैफिक व्यवस्था, मुख्य सचिव ने जीरो एक्सीडेंट राज्य के विजन के साथ कार्य करने की दी हिदायत

देहरादून, 10 जून (हि.स.)। मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने परिवहन विभाग से राज्य में सड़क दुर्घटनाओं के बाद हुए डेथ ऑडिट के फलस्वरूप उठाए गए सुधारात्मक कदमों की जानकारी मांगी है। उन्होंने फेसलेस चालान सिस्टम को लागू करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने सम्पूर्ण राज्य सीमा एवं सभी मुख्य मार्गों पर एएनपीआर कैमरों के साथ शहरों में ड्रोन कैमरों से ट्रैफिक व्यवस्था की मॉनिटरिंग एवं चालान के निर्देश दिए हैं। शिक्षा विभाग को स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बच्चों को सड़क सुरक्षा के सम्बन्ध में जागरूक करने को कहा है। साथ ही ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से अपग्रेड करने के निर्देश दिए हैं।

सोमवार को सचिवालय में राज्य सड़क सुरक्षा कोष प्रबन्ध समिति की बैठक के दौरान राज्य में सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम करने के दृष्टिगत मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठने वालों के लिए हेलमेट पहनने व चार पहिया वाहन में सभी के लिए सीट बेल्ट के नियम को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

रोड सेफ्टी बैठक में राज्य की ट्रैफिक व्यवस्था को हाईटेक एवं अपडेट करने के दृष्टिगत मुख्य सचिव ने सभी 13 जिलों में ड्रोन सेवाओं की व्यवस्था, ट्रैफिक सिग्नल को एएनपीआर तथा आरएलवीडी सिस्टम से इंटिग्रेट व अपडेट करने, हाईटेक मोटर बाइक, कैमरों के साथ राडार स्पीड साइन बोर्ड, डिजिटल स्पीड साइन बोर्ड व वेरिएबल मैसेज डिस्पले बोर्ड लगाने, ट्रैफिक पुलिस कर्मियों के लिए बॉडी वॉर्न कैमरा, एल्कोमीटर-ब्रीथ एनालाइजर, पोर्टेबल साउंड सिस्टम जैसे आधुनिकतम टेक्नॉलाजी सिस्टम को लागू करने की वित्तीय एवं सैद्धांतिक स्वीकृति दी।

राधा रतूड़ी ने परिवहन एवं पुलिस विभाग को सड़क सुरक्षा एवं यातायात जागरूकता के लिए अधिकाधिक सोशल मीडिया के माध्यम से जनजागरूकता के निर्देश दिए।

जीरो एक्सीडेंट राज्य के विजन के साथ कार्य करने की सख्त हिदायत देते हुए मुख्य सचिव ने लोक निर्माण विभाग को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए सुरक्षात्मक कार्यों के तहत क्रैश बैरियर लगाने, रोड डेलीनेटर व कैट आई, ब्लैक स्पॉट पर सुधारात्मक कार्य करने, पैरापिट एवं कॉशनरी साईन बोर्ड, रोड फर्नीचर रोड मार्किंग आदि कार्यों की वित्तीय एवं सैद्धांतिक स्वीकृति दी।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने हिट एण्ड रन तथा गुड समेरिटन के व्यापक प्रचार-प्रसार के निर्देश दिए। उन्होंने राज्य की मागों पर वैज्ञानिक तरीके से गति सीमा के निर्धारण की कार्ययोजना पर तत्परता से कार्य करने के निर्देश दिए।

बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले वर्ष 67 गुड समेरिटन को 10 लाख की धनराशि आवंटित की गई है। वर्ष 2024-25 में गुड़ समेरिटन योजना के लिए 10 लाख की धनराशि प्रस्तावित है। विदित है कि गुड समेरिटन को प्रोत्साहित करने के लिए उत्तराखंड में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय, भारत सरकार की गुड समेरिटन स्कीम को विभागीय स्तर पर लागू किया गया है। इसमें गुड समेरिटन को नकद इनाम और प्रशंसा पत्र दिया जाता है।

उत्तराखंड राज्य में भी विभागीय गुड समेरिटन पुरस्कार योजना प्रारम्भ की गई है। इसके अन्तर्गत यदि कोई व्यक्ति निम्नलिखित कार्यों में से कोई कार्य करता है तो उत्तराखंड पुलिस उसे नकद इनाम और प्रशंसा पत्र प्रदान करेगी। सड़क दुर्घटना में किसी व्यक्ति को प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करना। सड़क दुर्घटना के शिकार व्यक्ति/व्यक्तियों का राहत एवं बचाव कार्य कर समय से अस्पताल पहुंचाना। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को एम्बुलेंस की उपलब्धता न होने की स्थिति में निजी वाहन से अस्पताल पहुंचाना। सड़क दुर्घटना में घायल व्यक्ति को आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान करना या रक्तदान का प्रचार-प्रसार कर सम्बन्धित ब्लड ग्रुप वाले रक्तदाता की व्यवस्था करना। दुर्घटना में घायल व्यक्ति की आर्थिक रूप से सहायता करना आदि। सड़क दुर्घटना की रोकथाम के प्रयास में योगदान कराना।

बैठक में पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, प्रमुख सचिव रमेश कुमार सुधांशु, सचिव अरविन्द सिंह हयाकी, वी षणमुगम आदि थे।