अलवर, 10 जून(हि.स.)। अलवर लोकसभा से सांसद का चुनाव जीते और तीसरी बार मोदी सरकार की कैबिनेट में मंत्री बने भूपेंद्र यादव से अलवर की जनता को आस है। अलवर से पहली बार कोई केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री बना हैं।
मनमोहन सिंह सरकार में राज्य मंत्री रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने अलवर जिले के विकास को अपने कार्यकाल में नई गति दी थी। उन्होंने जनता की प्यास बुझाने के लिए चंबल प्रोजेक्ट को अलवर लाने की दिशा में काम किया लेकिन सरकार बदलते ही यह प्रोजेक्ट कागजों में दफन हो गया, चंबल के बाद ईआरसीपी, यमुना जैसे पेयजल के बड़े प्रोजेक्ट सियासत की लड़ाई में ओझल हो गए। समय की काली स्याही से केवल उनके पृष्ठों की संख्या ही बढ़ती गई। अलवर की जनता की बदकिस्मती कहिए या नेताओं की कारगुजारी पिछले 10 साल से राजस्थान में भारतीय जनता पार्टी के 25 सांसद और प्रदेश के ही केंद्रीय जल शक्ति मंत्री रहे लेकिन जनता को पानी उपलब्ध कराने के लिए इनके मंसूबे अधूरे ही रहे।
अब 2024 में पहली बार चुनावी राजनीति में हिस्सा लेकर जीत हासिल करने वाले भूपेंद्र को पिछली एनडीए सरकार में राज्यसभा सांसद रहते हुए कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। इस बार आम चुनाव में भूपेंद्र यादव ने बड़ी जीत दर्ज की। अलवर सीट पर उन्होंने 6लाख 31हजार 992 वोट हासिल कर कांग्रेस के ललित यादव को 48 हजार 282 वोटों से शिकस्त दी।
नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले अलवर सांसद भूपेंद्र यादव से अब जनता को पेयजल उपलब्ध कराने की उम्मीदें हैं। अलवर के लिए गंभीर समस्या बन चुकी पेयजल समस्या से ग्रस्त लोग अब अलवर के नए सांसद की तरफ उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे है। अलवर लोकसभा सीट पर अब तक 7 बार कांग्रेस जबकि 4 बार भाजपा और 2 बार जनता दल के सांसद चुने गए।
भाजपा के लक्कीमैन माने जाते हैं भूपेंद्र यादव
भूपेंद्र यादव कई राज्यों के चुनाव में भाजपा के लिए ना सिर्फ लक्की रहे हैं, बल्कि संगठन में अपनी क्षमता का लोहा भी मनवा चुके हैं। अमित शाह के साथ वे भाजपा की संगठनात्मक रणनीतियां तय करने के लिए विख्यात हैं। यादव ऐसी चुनावी बिसात बिछाने में माहिर हैं, जिससे भाजपा विरोधी दलों की रणनीतियां ध्वस्त करने में सफल हो जाती है। 2013 में राजस्थान का विधानसभा चुनाव हो या फिर 2014 में झारखंड और 2017 में हुए गुजरात और उत्तर प्रदेश के चुनाव या फिर महाराष्ट्र का चुनाव. 2023 में मध्य प्रदेश के चुनाव में भी भूपेंद्र यादव को बड़ी जिम्मेदारी दी गई थी. राज्यों में भाजपा के लिए उन्होंने परदे के पीछे रहकर चाणक्य की भूमिका निभाई, जिससे बीजेपी को जीत मिली।
भूपेंद्र यादव अमित शाह के ”मिस्टर भरोसेमंद” माने जाते हैं हाल में राज्यसभा में कई अहम बिलों को पास कराने के लिए विरोधी दलों के सांसदों का भी समर्थन हासिल करने के लिए अमित शाह ने जो टीम बनाई थी, उसमें भूपेंद्र यादव की भी अहम भूमिका थी।