ग्वालियर, 10 जून (हि.स.)। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का 15 जून को ग्वालियर भ्रमण प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री के ग्वालियर प्रवास के दौरान प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार एक प्राचीन जल संरचना के जीर्णोद्धार कार्य में श्रमदान कर जिलेवासियों से “जल गंगा संवर्धन अभियान” में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान करेंगे। साथ ही शहर में नवनिर्मित शंकरपुर क्रिकेट स्टेडियम में आईपीएल की तर्ज पर आयोजित होने जा रही एमपीएल – 2024 (मध्यप्रदेश लीग-सिंधिया कप) के उदघाटन कार्यक्रम में भी शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की प्रस्तावित ग्वालियर यात्रा की तैयारी के सिलसिले में कलेक्टर रुचिका चौहान ने सोमवार को पुलिस अधीक्षक एवं जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों के साथ शहर की विभिन्न जल संरचनाओं का जायजा लिया। इन जल संरचनाओं में सागरताल, कटोरा ताल व रमौआ डैम शामिल हैं।
प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार मुख्यमंत्री डॉ. यादव जनप्रतिनिधियों एवं शहर के नागरिकों के साथ शहर की किसी एक जल संरचना की साफ-सफाई में भाग लेकर पुराने जल स्त्रोतों के संरक्षण व संवर्धन का आह्वान करेंगे। साथ ही वर्षा जल की बूँद-बूँद सहेजने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा शुरू किए गए “जल गंगा संवर्धन अभियान” में बढ़-चढ़कर सहयोग देने का संदेश श्रमदान के माध्यम से जन-जन तक पहुँचाने की पहल करेंगे।
कलेक्टर द्वारा किए गए जल संरचनाओं के निरीक्षण के दौरान सीईओ स्मार्ट सिटी नीतू माथुर, अपर आयुक्त नगर निगम मुनीष सिकरवार, एसडीएम अतुल सिंह व अशोक चौहान सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।
जल गंगा संवर्धन अभियान” बूँद-बूँद सहेजने के लिए जल संरचनाएं तैयार कर रहे ग्रामीणजन
भविष्य में बूँद-बूँद पानी के लिये तरसना न पड़े, इस बात को ग्वालियर जिले के दूरस्थ क्षेत्र में बसे गाँवों के निवासियों ने भलीभाँति समझ लिया है। ग्रामीणों को जब पता चला कि प्रदेश सरकार ने वर्षा जल सहेजने के लिए “जल गंगा संवर्धन अभियान” शुरू किया है तो वे आगे आकर इस अभियान में सक्रिय रूप से जुड़ गए।
जिले के विकासखंड मुरार के पर्वतीय एवं वनांचल क्षेत्र में बसी ग्राम पंचायत राहुली के निवासी तस्सल फावड़ा लेकर अपने गाँव के खादरी तालाब को गहरा करने में जुटे हैं। इसी तरह ग्राम आरौरा के निवासी अपने गाँव की पुरानी पोखर को विस्तार देने का काम कर रहे हैं। मुरार विकासखंड के ही ग्राम बस्तरी के लोग खंदवाला तालाब और मुगलपुरा निवासी शांतिधाम के समीप स्थित तलैया को पुनर्जीवन देने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर जुटे हैं।