जबलपुर, 10 जून (हि.स.)। विक्टोरिया हॉस्पिटल में स्थित आयुर्वेद विभाग के आयुष विंग में डॉक्टर नहीं होने से आज कई मरीज लौट गए। आयुष विंग के आयुर्वेदिक विभाग में डॉक्टर की तैनाती है तो वही इसी के होम्योपैथिक विभाग में भी डॉक्टर के साथ अन्य स्टाफ तैनात रहता है, परंतु आलम यह था कि आज ना तो होम्योपैथिक में कोई स्टाफ था और ना ही आयुर्वेद और होम्योपैथिक डॉक्टर, केवल आयुर्वेद स्टाफ रहा। नियम के अनुसार इस जगह पर डॉक्टर की ड्यूटी आवश्यक है परंतु तीनों डॉक्टर में से एक भी मौजूद नहीं होना कहीं ना कहीं लापरवाही का सबब है। इस बाबत जब जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ अर्चना मरावी से बात की गई तो उन्होंने बताया की डॉक्टर खुद बीमार चल रहे हैं एवं छुट्टी पर हैं, एक डॉक्टर अल्टरनेट ड्यूटी पर रहते हैं। इसके साथ ही होम्योपैथिक विभाग में पदस्थ स्टाफ भी छुट्टी पर है।
आयुर्वेद अधिकारी का कहना था कि जब सूचना मिली कि होम्योपैथिक स्टाफ मौजूद नहीं है एवं विभाग खाली था तो अन्य जगह से फोन कर दूसरे स्टाफ की व्यवस्था की गयी। जो की दोपहर 1 बजे पहुंच गई थी। लिहाजा सुबह नियत समय पर खुलने वाले इस विभाग में दोपहर 1 बजे तक कोई नहीं था। आयुष विंग में पदस्थ डॉक्टर अंसारी से जब बात की गई तो उनका कहना था कि मेरी सप्ताह में कुछ दिन के लिए ड्यूटी जिला आयुर्वेद कॉलेज में रहती है।
डॉक्टर अंसारी की बात मान भी लें एवं बाकी के डॉक्टर छुट्टी पर हैं तो मरीज किसके भरोसे इलाज कराएँगे। कुल मिलाकर यदि डॉक्टर छुट्टी पर जाते हैं तो उस दिन आयुष विंग में मरीज का इलाज नहीं हो सकता। ऐसा ही सोमवार को हुआ दो आयुर्वेद डॉक्टर एवं एक होम्योपैथिक डॉक्टर के न होने पर आज मरीजों को सुविधा नहीं मिल पाई। बहरहाल जो भी हो परंतु सुविधाओं के नाम पर खुले इस विंग में यदि सिस्टम से काम किया जाए तो शायद डॉक्टर की कमी ना हो पाए और मरीज भटक न पाए। इसके साथ ही मरीजों को मिलने वाली इस आयुर्वेदिक और होम्योपैथिक सुविधा से वंचित न रहना पड़े।