अररिया 10 जून(हि.स.)। फारबिसगंज के राम मनोहर लोहिया पथ स्थित गुरूद्वारा में सिक्खों के पांचवे गुरु गुरु अर्जुन देव की शहीदी पर्व सोमवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया।मौके पर शबद कीर्तन के साथ विशेष पाठ का आयोजन किया गया। ज्ञानी प्रदीप सिंह ने भजन कीर्तन और प्रवचन कर गुरु अर्जुन देव की के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
ज्ञानी प्रदीप सिंह ने बताया कि धर्म परिवर्तन के दौर के समय का पल उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण क्षण था। धर्म परिवर्तन के दौर के दौरान औरंगजेब ने उन्हें मजबूर करने के लिए शारीरिक और मानसिक हर तरह की यातनाएं दी। गर्म पानी में उबाला भी गया था लेकिन फिर भी अपने धर्म पर कायम रहे।गुरु अर्जुन देव का जन्म 15 अप्रैल 1563 को अमृतसर के पास गोविंदवाल में हुआ और इनकी मृत्यु 1581 में लाहौर पाकिस्तान में हुआ। इन्होंने अपने प्रवचनों में कहा कि जो ईश्वर के शरण में जाएगा फिर कोई संकट नही आयेगा, न 84 लाख योनियों में भटकेगा। इस आयोजन के अवसर लंगर का भी आयोजन किया गया। जिसमें सिक्ख समुदाय के साथ बड़ी संख्या में दूसरे समुदाय के लोग भी मौजूद थे।