भीषण गर्मी में भी निकली 40 किलोमीटर लंबी आध्यात्मिक कल्याण महाकुंभ पदयात्रा

चित्तौड़गढ, 09 जून (हि.स.)। मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ निंबाहेड़ा के 19वें कल्याण महाकुंभ के उपलक्ष्य में रविवार को निकाली गई आध्यात्मिक कल्याण महापदयात्रा में श्रृद्धा का सैलाब उमड़ पड़ा। श्रृद्धालुओं की आस्था भीषण गर्मी पर भारी रही। इसमें आठ वर्ष से लेकर 60 आयु वर्ग के श्रृद्धालु अपने आराध्य का जयकारा लगाते हुए शामिल हुवे। कल्याण नगरी निम्बाहेड़ा स्थित ठाकुरजी के मंदिर से तड़के 4 बजे रवाना होकर पदयात्री 40 किलोमीटर दूर चित्तौड़ दुर्ग स्थित कल्लाजी की छतरी पर पहुंचे। इनका चित्तौड़गढ़ शहर में स्थित प्रताप पार्क में कल्याण भक्तों की ओर से स्वागत किया गया। इस अवसर पर भक्तों द्वारा ठाकुरजी के रथ की पूजा अर्चना की गई।

प्रताप पार्क से प्रारम्भ हुई शोभायात्रा में एक ओर जहां वेद विद्यालय के बटुक पारम्परिक केसरिया वेशभूषा में शामिल हुए। वही वीर-वीरांगनाएं और कृष्णा शक्ति दल की माता बहने केसरिया बाना पहने हुए शामिल हुई। शक्तिदल की बालिकाएं सैनिक वेश में शोभायात्रा के साथ चल रही थी। बैंड व डीजे साउण्ड के साथ मालवीय ढोल की थाप पर श्रृद्धालु ठाकुर जी का गगन भेदी जयकारा लगाते हुए चल रहे थे। वेदपीठ की परम्परानुसार पदयात्रियों एंव श्रृद्धालुओं द्वारा दुर्ग राज की चरण पूजा में बड़ी संख्या में भक्तों ने पूजा अर्चना के साथ मेवाड़ की आन बान शान की रक्षा के लिये प्राण न्यौछावर करने वाले वीर-वीरांगनाओं को भाव पूर्ण पुष्पाजंलि अर्पित की। इस दौरान दुर्ग की चरण पूजा वेद पीठ के आचार्यो, बटुकों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार के साथ करवाई गई। दुर्ग स्थित कल्लाजी एवं जयमलजी की छतरी पर वेदपीठ की ओर से पूजा अर्चना की गई। वही दोनों लोकदेवताओं की ओर से श्रृद्धालुओं द्वारा कल्याण रथ की पूजा की गई। कल्याण महापदयात्रा में शामिल बड़ी संख्या में श्रृद्धालुओं ने प्रताप पार्क में स्थित अश्वारूढ महाराणा प्रताप की प्रतिमा की वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना करते हुए वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के जन्मोत्सव पर उन्हें भावभिनी पुष्पाजंलि अर्पित की। इस मौके पर वेदपीठ के आचार्य, बटुक, न्यासी, पदाधिकारी एंव बड़ी संख्या में कल्याण भक्त मौजूद थे।