पीएम मोदी कैबिनेट: नितिन गडकरी एक बार फिर मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री बने

narendra-modi,Nitin Gadkari,PM Modi Oath Taking Ceremony,PM Modi Swearing In Ceremony,PM Modi Cabinet,  PM Modi Swearing In Ceremony

बीजेपी नेता और नवनिर्वाचित सांसद नितिन गडकरी ने लगातार तीसरी बार कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. गडकरी पीएम मोदी की पिछली दोनों सरकारों में कैबिनेट मंत्री थे। नितिन गडकरी भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता हैं. 

 

महाराष्ट्र की सबसे चर्चित नागपुर सीट पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी मैदान में थे. उन्होंने यह सीट जीत ली है. नितिन गडकरी को मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है. नितिन गडकरी एक बार फिर मंत्री बन गए हैं. गडकरी ने कांग्रेस के विकास ठाकरे के खिलाफ जीत हासिल की. 

2019 चुनाव 

2019 में नितिन गडकरी ने दूसरी बार इस सीट से जीत हासिल की. गडकरी ने कांग्रेस के नाना पटोले को 2 लाख से ज्यादा वोटों से हराया. गडकरी को 6 लाख 60 हजार वोट मिले. जबकि पटोले को 4 लाख 44 हजार वोट मिले थे. बसपा के मोहम्मद जमाल तीसरे स्थान पर हैं. जिन्हें 32 हजार से भी कम वोट मिले.

2014 चुनाव

2014 में गडकरी ने पहली बार इस सीट से चुनाव लड़ा था. उन्हें 5 लाख 87 हजार वोट मिले. जबकि कांग्रेस के विलास मुत्तेमवार को करीब 3 लाख 3 हजार वोट मिले थे. बसपा के मोहन गायकवाड़ को करीब एक लाख वोट मिले और वे तीसरे स्थान पर रहे.

इस सीट के इतिहास की बात करें तो नागपुर के लोकसभा सीट बनने के बाद 2014 तक बीजेपी ने सिर्फ एक बार ही इस सीट पर जीत हासिल की है. 1996 के चुनाव में बनवारीलाल पुरोहित पहली बार बीजेपी से जीते. लेकिन 1998 में फिर कांग्रेस ने बीजेपी को हरा दिया. उसके बाद नितिन गडकरी आए और इस सीट पर बीजेपी का सूखा खत्म कर दिया.

नागपुर सीट के समीकरण

संतरे के अलावा नागपुर देश में इसलिए भी मशहूर है क्योंकि यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का मुख्यालय स्थित है। RSS की स्थापना 99 साल पहले हुई थी. तब केशव बलिराम हेडगेवार ने अपने शहर नागपुर को अपना मुख्यालय चुना। हालांकि, 2014 से पहले इस सीट पर बीजेपी का दबदबा कभी नहीं रहा. 1999 तक खाता भी नहीं खुला था. लेकिन जब से आरएसएस के पसंदीदा गडकरी ने इस सीट से चुनाव लड़ा है, तब से बीजेपी नहीं हारी है.

इस चुनाव की बात करें तो इस बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ विपक्ष लामबंद नजर आया. जो दमदार स्थिति में दिखाई दे रहे थे. इंडिया अलायंस की ओर से कांग्रेस के विकास ठाकरे मैदान में थे. जिसे सहयोगी दलों, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और शरद पवार की एनसीपी का समर्थन मिला। प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी ने भी उनके प्रति समर्थन जताया. इसके अलावा AIMIM ने भी नागपुर से कोई उम्मीदवार नहीं उतारा.