जगदलपुर, 9 जून (हि.स.)। छत्तीसगढ़ में दक्षिण बस्तर के सुकमा से मानसून के प्रवेश करने की घोषणा मौसम विभाग ने शनिवार को कर दिया। इसके साथ ही यलो अलर्ट जारी कर बीजापुर, कांकेर, नारायणपुर, कोंडागांव, बस्तर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिले में कई जगह बारिश की संभावना भी व्यक्त कर दी, लेकिन मानसून का बारिश बस्तर संभाग मुख्यालय सहित अन्य जिलों नहीं होने से मानसून के पंहुचने की घोषणा पर प्रश्न चिन्ह खड़े हो रहे है। मानसून के प्रवेश की घोषणा के बाद मानसूनी बदली बस्तर में देखा जा रहा है, आज रविवार को भी मानसूनी बादली दिखा लेकिन बारिश नही हुई, वही बदली से उमस बढ़ गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले 48 घंटे के दौरान बस्तर में कई जगहों पर अच्छी बारिश हुई है, खासकर बीजापुर में 50 मिलीमीटर, कोंडागांव में 17.4 और नारायणपुर में 16.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। बस्तर संभाग मुख्यालय और आस-पास भी प्री-मानसून की बारिश हुई। लेकिन सुकमा के रास्ते मध्य बस्तर की ओर बढ़ रहा मानसून भटक गया है। अब यह देखा जाना है कि मौसम विज्ञान केंद्र ने आने वाले चार दिनों तक समूचे बस्तर संभाग में बारिश का अलर्ट जारी किया है, उसका सोमवार को क्या प्रभाव दिखता है। विदित हो कि बस्तर में कई बार मौसम का पूर्वानुमान विफल रहा है, इससे पहले भी बस्तर में मानसून के पंहुचने और आगे बढ़ जाने की जानकारी मौसम विभाग दे चुका है, जब मानसून का बारिश बस्तर में नही हुआ।
बस्तर में मानसून प्रवेश की घोषणा के बाद बारिश नही होने एवं जारी अलर्ट पर अब मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा मानसून प्रवेश की व्याख्या करते हुए बताया कि विभाग मौसमी परिस्थितियों का अध्ययन कर मानसून की घोषणा करता है। पश्चिमी हवा प्रबल व गहराई 3.1 किमी तक होनी चाहिए। वहीं वातावरण में पर्याप्त नमी हो और आगामी समय में लगातार बारिश की संभावना हो। जहां मानसून पहुंच रहा हो, वहां लगातार दो दिन 2.5 मिमी या इससे ज्यादा बारिश होनी चाहिए।