नई दिल्ली। देश में तीसरी बार मोदी सरकार के आने के बाद ऐसा लग रहा है मानो आंध्र प्रदेश, अमरावती और राज्य के भावी सीएम चंद्रबाबू नायडू के अच्छे दिन आ गए हैं। 12 जून को चंद्रबाबू नायडू अमरावती में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे। लेकिन, इससे पहले ही इस शहर में जमीन की कीमत 3 दिन में दोगुनी हो गई है। दरअसल, चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को आंध्र प्रदेश की ग्रीन कैपिटल के तौर पर विकसित करने की बात कही है। ऐसे में यहां प्रॉपर्टी की कीमतों में तेजी से इजाफा हुआ है। चंद्रबाबू नायडू 2014 से 2019 तक राज्य के मुख्यमंत्री रहे। उस वक्त चंद्रबाबू नायडू ने अमरावती को राजधानी बनाने का प्रस्ताव रखा था। उन्होंने ग्रीनफील्ड राजधानी अमरावती को पर्यावरण के नजरिए से और समृद्ध बनाने का सपना देखा था। यह शहर विजयवाड़ा और गुंटूर शहरों के बीच स्थित है और इसमें 29 गांव शामिल हैं।
चुनाव के बाद जमीन की कीमतें बढ़ीं
TOI की रिपोर्ट के अनुसार, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद आंध्र प्रदेश के अमरावती शहर में रियल एस्टेट की कीमतों में 50 से 100 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। चूंकि चंद्रबाबू नायडू शुरू से ही अमरावती शहर को राजधानी के रूप में विकसित करने में रुचि रखते हैं, इसलिए अगर आने वाले दिनों में यह घोषणा होती है, तो इससे अमरावती को बहुत फायदा होगा। इस संभावना के कारण अमरावती में जमीन और संपत्ति की कीमतों में तेजी से वृद्धि हुई है।
ज़मीन की कीमतें क्या हैं?
– 2019 में अमरावती में जमीन की कीमतें 25,000 से 60,000 वर्ग गज थीं।
– जगन मोहन रेड्डी की सरकार बनने के बाद कीमतें 9000 से 18,000 रुपये प्रति वर्ग गज हो गईं।
– अब चंद्रबाबू नायडू के सत्ता में लौटने के बाद यहां जमीन की कीमतें 30,000 से 60,000 रुपये प्रति वर्ग गज हो गई हैं।
इन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मांग
अमरावती में शैक्षणिक संस्थानों, हाईकोर्ट, विधानसभा, सचिवालय और केंद्र सरकार के संस्थानों के पास जमीन की मांग काफी ज्यादा है। खुदरा विक्रेताओं, दलालों और किसानों को अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से जमीन खरीदने के ऑफर मिल रहे हैं।
शहर के किसानों को उम्मीद है कि 12 जून को चंद्रबाबू नायडू मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे और पीएम मोदी शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। अगर इस मौके पर अमरावती को लेकर कोई बड़ा ऐलान होता है तो यहां की जमीनों की कीमतों में और इजाफा होगा। इससे पहले 2019 में पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी द्वारा 3 राजधानियों की योजना की घोषणा के बाद अमरावती में जमीनों की कीमतों में गिरावट आई थी। लेकिन अब सरकार के साथ-साथ तस्वीर भी बदल गई है।