प्रति वर्ष ब्रेन ट्यूमर के 30,000 से अधिक मामले: दो वर्षों में 10 प्रतिशत की वृद्धि

विश्व मस्तिष्क ट्यूमर दिवस 2024: अगर आपको रोज सुबह उठते ही नियमित सिरदर्द होता है, सोचने, बोलने, शब्द ढूंढने में परेशानी होती है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए। क्योंकि, यह ब्रेन ट्यूमर का लक्षण हो सकता है। भारत में हर साल ब्रेन ट्यूमर के करीब 30 हजार मामले सामने आते हैं। आज ‘विश्व ब्रेन ट्यूमर दिवस’ है, ऐसे में ब्रेन ट्यूमर के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं। 

ब्रेन ट्यूमर विभिन्न प्रकार के होते हैं

मस्तिष्क में असामान्य कोशिकाओं के संग्रह या समूह को ब्रेन ट्यूमर कहा जाता है। ब्रेन ट्यूमर कैंसरयुक्त या गैर-कैंसरयुक्त हो सकता है। जैसे-जैसे कैंसर का ट्यूमर बढ़ता है, यह खोपड़ी के अंदर दबाव बढ़ा सकता है। इससे मस्तिष्क क्षति के साथ-साथ जीवन को भी खतरा हो सकता है। ब्रेन ट्यूमर विभिन्न प्रकार के होते हैं।

जिसमें प्राथमिक मस्तिष्क कैंसर उत्पन्न होता है। ये मस्तिष्क के चारों ओर की झिल्ली की तरह मस्तिष्क कोशिकाएं हैं। इन्हें मेनिन्जेस कहा जाता है और इनमें पिट्यूटरी या पीनियल जैसी तंत्रिका कोशिकाएं होती हैं। प्राथमिक कैंसर सौम्य या कैंसरयुक्त हो सकता है। ग्लियोमा और मेनिंगियोमेम्ब्रेन ट्यूमर आमतौर पर वयस्कों में होते हैं।

यदि सिरदर्द बना रहता है, तो जल्द से जल्द किसी सुपरस्पेशलिस्ट से सलाह लें

भारत में ब्रेन ट्यूमर बच्चों और वयस्कों दोनों में होता है। कुछ प्रकार के ब्रेन ट्यूमर, जैसे कि मेडुलोब्लास्टोमा, का निदान आमतौर पर बच्चों में किया जाता है। यह इसे वैश्विक स्तर पर बच्चों में कैंसर से संबंधित मृत्यु का दूसरा प्रमुख कारण बनाता है। 

इस संबंध में अहमदाबाद सिविल अस्पताल के न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर-प्रमुख डाॅ. जैमिन शाह ने कहा, ‘आजकल की जीवनशैली में सिरदर्द एक आम समस्या बन गई है। लेकिन अगर यह दर्द लगातार बना रहता है और विशेष रूप से सुबह के समय नियमित रूप से होता है, तो जल्द से जल्द एक सुपरस्पेशलिस्ट से परामर्श करना जरूरी है।’

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है

ब्रेन ट्यूमर एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है। ब्रेन ट्यूमर दो प्रकार के होते हैं, साधारण और कैंसरयुक्त। समय पर निदान और उचित उपचार से लंबा जीवन पाया जा सकता है। सिविल अस्पताल में पिछले दो साल में ब्रेन ट्यूमर के मरीजों में 10 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। 

मोबाइल का ज्यादा इस्तेमाल भी है जिम्मेदार 

कई लोगों का मानना ​​है कि मोबाइल फोन के अत्यधिक इस्तेमाल से ब्रेन ट्यूमर के मामलों में वृद्धि हुई है, लेकिन यह अभी तक साबित नहीं हुआ है। अगर बिना किसी डर के समय पर इलाज किया जाए तो ब्रेन ट्यूमर जल्दी ठीक हो सकता है।