विदिशा, 07 जून (हि.स.)। नमामि गंगे परियोजना अंतर्गत विदिशा जिले में जल गंगा संवर्धन अभियान तहत जल स्रोतों की मरम्मत व साफ-सफाई के कार्यों का क्रियान्वयन जारी है। कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य एवं जिला पंचायत सीईओ डॉक्टर योगेश भरसट के मार्गदर्शन में अभियान अवधि में शुक्रवार को विदिशा जिले की विभिन्न ग्राम पंचायतों में कुंआ, बावड़ी सहित अन्य जल स्रोतों के जीर्णोद्धार के कार्यों का संपादन जारी है।
जल संरक्षण हेतु आज ग्राम पंचायत उनारसीताल में अति प्राचीन बावड़ी की साफ-सफाई कार्य करने के साथ-साथ ग्राम पंचायत सांकलोन में कुआं की साफ सफाई, ग्राम पंचायत भालबामौरा में जल कूप की मरम्मत व सफाई कार्य, जनपद पंचायत कुरवाई स्थित अति प्राचीन बावड़ी की सफाई, ग्राम पंचायत चीकली में बावड़ी की मरम्मत और सफाई कार्य तथा ग्राम पंचायत मानौरा स्थित अति प्राचीन बावड़ी की साफ सफाई का कार्य किया गया है। उक्त कार्यों में जन भागीदारी भी सुनिश्चित कराई जा रही है। शुक्रवार को जिले की विभिन्न ग्राम पंचायत में जल स्रोतों के जीर्णोद्धार व साफ-सफाई के कार्यों में ग्रामीण नागरिकों ने भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित की है।
जल गंगा संवर्धन अभियान अंतर्गत कुआ बावड़ी के साथ-साथ कई ग्रामों में जल संग्रहण हेतु लीचपिट का निर्माण कार्य भी शुरू कराया गया है। ग्राम पंचायत ऊहरकोटरा में लीचपिट का निर्माण, ग्राम शेरपुर में चेक डैम निर्माण, ग्राम पंचायत जगधर में नवीन तालाब तथा ग्राम पंचायत मोहनपुर में अमृत सरोवर तहत निर्मित तालाब की मरम्मत के कार्यों का संपादन शुरू हुआ है।
बाढ़ वाले नदी-नालों पर करें बेरिकेटिंगः कलेक्टर वैद्य
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने शुक्रवार को अतिवर्षा एवं अतिवृष्टि से जलभराव एवं बाढ़ की स्थिति वाले क्षेत्रों को चिन्हित कर आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के निर्देश संबंधितों को दिए हैं। उन्होंने कहा है कि वर्षा रुपी जल निकासी की व्यवस्था की जाए। नदी नालों के दोनों तरफ बेरिकेडिंग की जाए। 24 घंटे कर्मचारी तैनात रहें। उन्होंने कहा कि जिला स्तर सहित सभी नगरीय निकायों, जनपद पंचायत में बाढ़ नियंत्रण कंट्रोल रूम स्थापित कर इन केंद्रों के नम्बरों का अधिक से अधिक प्रचारित-प्रसारित किए जाए।
कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य ने जिला ने कहा कि नगरीय क्षेत्र में जहां भी जलभराव की स्थिति निर्मित होती है वहां तत्काल उचित प्रबंध किया जाए। होमगार्ड एवं पुलिस विभाग, नगरपालिका सहित अन्य सभी विभागों की कार्ययोजना तय है उसके क्रियान्वयन में कहीं भी चूक ना का विशेष ध्यान दिया जाए।जिन विभागों के माध्यम से बाढ़ नियंत्रण उपकरण एवं आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। नदियों एवं बांधों में जलभराव की स्थिति मापने माप चिन्ह स्थापित करें। प्रतिदिन भराव की जानकारी तहसील स्थित कंट्रोल रूम में दी जाए। अधिक वर्षा होने की स्थिति में बांधों अथवा तालाबों से पानी छोडने के पहले राजस्व, ग्रामीण विकास सहित अन्य विभागों के अधिकारी आपसी समन्वय स्थापित कर जनसामान्य को सूचना जारी कर क्षेत्रों को खाली कराना सुनिश्चित करेंगे। बाढ़ प्रभावित गांवों में आवागमन के मार्ग पर पुल एवं पुलियों के पास अस्थाई बैरियर एवं संकेतर बोर्ड लगाएं।