ग्रेच्युटी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से लंबे समय तक बेहतर सेवाएं देने के इनाम के तौर पर दी जाने वाली रकम है। नियम के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति किसी कंपनी में लगातार 5 साल तक काम करता है तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार हो जाता है। ग्रेच्युटी का कितना पैसा मिलेगा इसका कैलकुलेशन एक तय फॉर्मूले के आधार पर होता है। अगर कोई व्यक्ति 60,000 रुपये महीने कमाता है और उसने किसी कंपनी में लगातार 10 साल तक काम किया है तो उसे कितना पैसा मिलेगा? आइए फॉर्मूले के आधार पर कैलकुलेशन को समझते हैं।
यह है ग्रेच्युटी की गणना का फार्मूला
ग्रेच्युटी कैलकुलेट करने का फॉर्मूला है- (अंतिम सैलरी) x (आपने कंपनी में कितने साल काम किया) x (15/26)। अंतिम सैलरी का मतलब है आपके पिछले 10 महीने की सैलरी का औसत। इस सैलरी में बेसिक सैलरी, महंगाई भत्ता और कमीशन शामिल होता है। 26 दिन रविवार के तौर पर गिने जाते हैं और 15 दिन के हिसाब से ग्रेच्युटी कैलकुलेट की जाती है।
यदि वेतन 60,000 रुपये है और आपने 10 साल काम किया है तो ग्रेच्युटी कितनी होगी?
अगर सैलरी 60,000 है और नौकरी 10 साल की है तो कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी? फॉर्मूले के मुताबिक इसका कैलकुलेशन कुछ इस तरह होगा- (60,000) x (10) x (15/26) = 3,46,153 रुपये. फॉर्मूले के मुताबिक यह रकम आपको कंपनी की तरफ से ग्रेच्युटी के तौर पर दी जाएगी. वहीं अगर किसी व्यक्ति की सैलरी 60,000 रुपये है लेकिन उसने सिर्फ 5 साल ही नौकरी की है तो उसे कितनी ग्रेच्युटी मिलेगी? ऐसी स्थिति में फॉर्मूले के मुताबिक कैलकुलेशन इस आधार पर होगा- (60,000) x (5) x (15/26) = 1,73,076 रुपये ग्रेच्युटी के तौर पर दिए जाएंगे. नियम के मुताबिक 20 लाख रुपये से ज्यादा की ग्रेच्युटी नहीं दी जा सकती.
ग्रेच्युटी से जुड़ा यह नियम भी जान लें
ग्रेच्युटी एक्ट 1972 के अनुसार, अगर किसी कर्मचारी की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या वह विकलांग हो जाता है और फिर से काम करने में असमर्थ हो जाता है, तो ग्रेच्युटी भुगतान के लिए 5 साल तक काम करने का नियम उस पर लागू नहीं होता है। ऐसे मामले में, ग्रेच्युटी की राशि नॉमिनी या आश्रित को दी जाती है। आप नौकरी ज्वाइन करते समय फॉर्म एफ भरकर अपनी ग्रेच्युटी राशि के लिए नॉमिनी का नाम दर्ज करा सकते हैं। वहीं, अगर किसी कर्मचारी ने किसी कंपनी में 4 साल 8 महीने काम किया है, तो उसकी नौकरी की अवधि पूरे 5 साल मानी जाती है। ऐसे में उसे 5 साल के हिसाब से ग्रेच्युटी की राशि दी जाती है।