नतीजे के दिन शेयर बाजार में लोगों को हुआ 30 लाख करोड़ का नुकसान!, राहुल गांधी ने लगाए गंभीर आरोप

नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव के बाद शेयर बाजार में गिरावट को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह पर निशाना साधा है. 1 जून 2024 के लोकसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के बाद 3 जून को शेयर बाजार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। इसलिए 4 जून को चुनाव नतीजे आने के बाद शेयर बाज़ार धराशायी हो गया. इसे लेकर राहुल गांधी ने बड़ा आरोप लगाया है. 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा- चुनाव के समय प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री ने शेयर बाजार पर टिप्पणी की और कहा कि शेयर बाजार तेजी से आगे बढ़ेगा और लोगों को शेयर खरीदना चाहिए. 1 जून को मीडिया ने झूठा एग्जिट पोल प्रकाशित किया. बीजेपी के आंतरिक सर्वे में 220 सीटें आ रही थीं, एजेंसियों ने 200 से 220 सीटों का अनुमान लगाया था. 3 जून को शेयर बाजार ने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए. 

राहुल गांधी ने पूछा सवाल- पीएम ने जनता को निवेश की सलाह क्यों दी? अमित शाह ने लोगों से शेयर खरीदने के लिए क्यों कहा? क्या बीजेपी और इन विदेशी निवेशकों के बीच कोई संबंध है.. हम इसकी जेपीसी जांच की मांग करते हैं. नरेंद्र मोदी और अमित शाह की भूमिका की जांच होनी चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा- ये बहुत बड़ी घटना है. ये अडानी से जुड़ा मामला है, लेकिन बहुत बड़ा मुद्दा है. उनका सीधा संबंध प्रधानमंत्री से है. यह घोटाला बीजेपी के बड़े पदों पर बैठे लोगों ने किया है. हम जानना चाहते हैं कि क्या उनके और एग्जिट पोलस्टर के बीच कोई संबंध था। हमें लगता है कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री सीधे तौर पर शामिल हैं, इसलिए हम जेपीसी जांच की मांग करते हैं। 

राहुल गांधी ने कहा- इसमें बीजेपी के सबसे बड़े नेताओं ने रिटेल निवेशकों को संदेश दिया कि आपको स्टॉक खरीदना चाहिए. उन्हें इस बात की जानकारी थी कि एग्जिट पोल गलत हैं और बीजेपी को बहुमत नहीं मिलने वाला है. इसलिए उन्होंने ऐसा किया. राहुल गांधी ने कहा कि 30 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और सत्ता में बैठे लोगों को फायदा हुआ है. इसलिए हम जेपीसी जांच की मांग करते हैं. 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा- हम जनता को हकीकत बता रहे हैं कि यहां घोटाला हुआ है. यहां प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और वित्त मंत्री संकेत दे चुके हैं. सच तो यह है कि हम जेपीसी जांच की मांग कर रहे हैं. विपक्ष के पास बहुत ताकत है और संसद की स्थिति बदल गई है.