भोपालः विश्व पर्यावरण दिवस पर राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में हुआ जन चेतना कार्यक्रम

भोपाल, 05 जून (हि.स.)। विश्व पर्यावरण दिवस पर जन मानस में पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से जन-चेतना के लिए बुधवार को भोपाल के राष्ट्रीय उद्यान वन विहार में स्वच्छता अभियान चलाया गया। अभियान में वन विहार के अधिकारियों/कर्मचारियों द्वारा पर्यटकों को पॉलीथीन के दुष्परिणाम की जानकारी दी गई तथा पॉलीथीन उपयोग न करने की सलाह दी गई। साथ ही श्रमदान के तहत वन विहार में मुख्य मार्ग के आस-पास कचरा एकत्रित कर कचरा मुक्त किया गया। इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस का मुख्य विषय ‘भूमि बहाली, मरूस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता’ पर समाज में संदेश प्रसारित करना है। वन विहार भ्रमण के लिये आये पर्यटकों एवं उपस्थित कर्मचारियों को इस विषय पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सम्बोधित किया गया।

कार्यक्रम में वन विभाग के अफर मुख्य सचिव जे.एन. कांसोटिया, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख असीम श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन सरंक्षक (वन्यप्राणी) डॉ. अतुल श्रीवास्तव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं प्रबंध संचालक आर.के. यादव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (कैम्पा) एम.एस. धाकड़, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (ग्रीन इंडिया मिशन) पी.एल.धीमान, मुख्य कार्यपालन अधिकारी म.प्र. ईको पर्यटन विकास बोर्ड समीता राजोरा, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रोजेक्ट) एम.एल.मीना, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (सू.प्रौ.) बी.एस.अन्निगिरी, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (प्रशा.-2) कमलिका मोहंता, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (मू प्रबंध) एच.एस. मोहंता, वन संरक्षक राखी नंदा, वनमंडलाधिकारी आलोक पाठक, वन विहार संचालक मीना अवधेशकुमार शिवकुमार, सहायक संचालक सुनील कुमार सिन्हा एवं अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों ने भाग लिया।

सहायक संचालक सुनील कुमार सिन्हा द्वारा कार्यक्रम की विषय-वस्तु पर प्रकाश डाला गया तथा कार्यक्रम का संचालन किया गया। साथ ही उपस्थित जन-समूह को पर्यावण संरक्षण करने एवं प्रदूषण न फैलाने हेतु शपथ दिलाई गई।

कार्यक्रम में श्रमदान में भाग लेने वाले समस्त अधिकारियों/कर्मचारियों को उपहार स्वरूप टीशर्ट प्रदान की गई। गिद्ध संरक्षण एवं संवर्धन केन्द्र केरवा में केन्द्र प्रभारी एवं कार्यरत कर्मचारियों द्वारा पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम के अंत में वन विहार संचालक मीना अवधेशकुमार शिवकुमार द्वारा समस्त अधिकारियों को स्मृति-चिन्ह प्रदान किये गये।