वाराणसी : हार के बाद बोले अजय राय, सत्ता के शीर्ष दुर्ग के खिलाफ मेरी नैतिक जीत

वाराणसी, 04 जून (हि.स.)। लोकसभा चुनाव में वाराणसी संसदीय सीट से इंडी गठबंधन के प्रत्याशी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने मंगलवार को मतगणना के बाद मिली हार को सहर्ष स्वीकार किया है।भाजपा प्रत्याशी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भारी मतों के अंतर से मिलने वाली जीत की राह में पहाड़ बने अजय राय ने कहा कि सत्ता के शीर्ष दुर्ग के खिलाफ मेरी यह नैतिक जीत है।

उन्होंने कहा कि सत्ता बल की धौंस और भारी धन बल के निवेश के मुकाबले काशी की महान जनता ने विपुल जन समर्थन का जितना आशीर्वाद मुझे दिया है,उसका मैं जीवन की अंतिम सांस तक ऋणी रहूंगा। मेरा जीवन काशी की सेवा को सतत समर्पित रहेगा।

उन्होंने कहा कि काशी ने मुझे जिस तरह दस लाख पार के दंभी नारे को औंधे मुंह कर भारी जनसमर्थन दिया, वह मेरी हार में भी जीत है। मैं और इंडी गठबंधन दलों के हमारे साथी इस लोकतांत्रिक युद्ध में निहत्थे पैदल थे। दूसरी ओर सत्ता की चकाचौंध एवं संसाधनों का सैलाब था। मंत्रियों से लेकर राज्यपालों तक की फौज मेरे खिलाफ काशी में घर-घर घूम रही थी। धन एवं सत्ता शक्ति के जबर्दस्त निवेश के बावजूद संकीर्ण जीत पाने में शीर्ष सत्ता नायक के दांत काशी की जनता ने खट्टे कर दिये। इंडी दलों के जांबाज कार्यकर्ता साथियों के साथ वाराणसी की जनता ने मेरा चुनाव खुद को ही अजय राय मानकर लड़ा। उनके इस विश्वास का मैं ऋणी हूं और हर सुख दु:ख में उनके साथ खड़ा रहूंगा।

उन्होंने कहा कि हम मां गंगा की विनम्र संतान हैं और इस चुनाव में मां गंगा का संकेत साफ है कि काशी के सम्मान और हितों के विरुद्ध राजनीति काशी को गंवारा नहीं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मैं उत्तर प्रदेश में मिली कांग्रेस एवं सपा की जीत के साथ इंडी गठबंधन की भारी सफलता से अभिभूत हूं एवं प्रदेश की जनता का हृदय से आभारी हूं। उत्तर प्रदेश की जनता ने चार लाख मतों से राहुल गांधी को जिता कर और भारी अपव्यय के बाद भी नरेंद्र मोदी को डेढ़ लाख से कम वोटों से जीतने में पसीने छुड़ा कर यह सिद्ध कर दिया कि भारत मां की अपूर्व प्रदक्षिणा करने वाले राहुल गांधी नरेंद्र मोदी से बहुत बड़े जननायक हैं। अयोध्या की भाजपा की हार ने साबित कर दिया कि धार्मिक भावनाओं का राजनीतिक इस्तेमाल लोकतंत्र को अमान्य है।