लोकसभा चुनाव: कांग्रेस के किशोरी लाल शर्मा ने अमेठी सीट से स्मृति ईरानी को हराकर पूरे देश को चौंका दिया है. स्मृति की हार राहुल की पिछली हार से भी बड़ी है. वह 1.30 लाख वोटों से हार गईं. कांग्रेस के ‘चाणक्य’ कहे जाने वाले किशोरी लाल शर्मा पहली बार चुनाव लड़े. अब तक रणनीति पर्दे के पीछे से बनती थी. उन्होंने पहले प्रयास में ही बीजेपी की मजबूत उम्मीदवार स्मृति को हराकर खुद को सच्चा ‘चाणक्य’ साबित कर दिया. स्मृति ने केएल शर्मा को शुरू से आखिर तक हल्के में लिया लेकिन राहुल-प्रियंका की रणनीति आखिरकार काम आई।
बीजेपी अमेठी के वोटरों को समझने में पूरी तरह नाकाम रही है. जानकारों का कहना है- स्मृति ईरानी के लिए लोगों में गुस्सा था. उन्हें सबक सिखाने के लिए वोट को हथियार बनाया गया.
एक बार फिर हर कोई जानना चाहता है कि स्मृति ईरानी से ज्यादा वोट पाने वाले केएल शर्मा कौन हैं. तो आइए जानते हैं इनके बारे में…
दरअसल, केएल शर्मा गांधी परिवार के पुराने परिचित हैं. वह परिवार के करीबी सहयोगी रहे हैं और लंबे समय से रायबरेली में सोनिया गांधी का प्रतिनिधित्व करते रहे हैं। वह पार्टी मामलों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं और गांधी परिवार के चुनाव अभियानों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं।
केएल शर्मा राजीव गांधी के करीबी दोस्त थे और लंबे समय तक उनसे जुड़े रहे थे. वह 1983 और 1991 के अमेठी चुनावों में एक प्रमुख खिलाड़ी थे, जिन्होंने कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में मदद की। उन्होंने 1999 में सोनिया गांधी के पहले चुनाव अभियान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अमेठी में जीत मिली।
आपको बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को हराया था. केएल शर्मा के चुनाव मैदान में उतरते ही सभी की निगाहें उन पर टिक गईं कि वह क्या करेंगे.