मार्च 2024 को खत्म होने वाले वित्त वर्ष में 500 रुपये के नोटों के प्रचलन में तेजी से बढ़ोतरी देखी गई है। आरबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 2024 के दौरान नोटों की संख्या सालाना आधार पर 7.8% बढ़कर 14,687.5 करोड़ नोट हो गई। चलन में रहे नोटों में 500 रुपये के नोट सबसे ज्यादा रहे, जो वित्त वर्ष 2024 तक सालाना आधार पर 16.5% बढ़कर 6,017.7 करोड़ नोट हो गए। कुल मिलाकर वित्त वर्ष 24 में चलन में रहे 500 रुपये के नोटों की संख्या में 85,432 लाख की बढ़ोतरी हुई, जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष में 5,163.3 करोड़ नोट चलन में थे।
इसके बाद 10 रुपये के नोट (10 रुपये के नोट) का स्थान रहा। मूल्य के संदर्भ में, प्रचलन में 500 रुपये के नोटों की हिस्सेदारी बढ़ी और यह प्रचलन में कुल 34.77 लाख करोड़ रुपये मूल्य के बैंक नोटों का 86.5% हो गया। यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि प्रचलन में 2,000 रुपये के नोटों की संख्या में तेजी से कमी आई।
मार्च 2024 तक 2000 के 97.7% नोट वापस आ जाएंगे
आरबीआई ने मई 2023 में 2,000 रुपये के नोटों को प्रचलन से वापस लेने की घोषणा की थी। उस समय इन नोटों का मूल्य 3.56 लाख करोड़ रुपये था और केंद्रीय बैंक ने इन्हें या तो दूसरे नोटों से बदलने या बैंक खातों में जमा करने का विकल्प दिया था। आरबीआई ने कहा कि मार्च 2024 तक 97.7% नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस आ चुके हैं।
200 रुपये के नोटों की मात्रा बढ़ी
अप्रैल 2022 से मार्च 2024 के बीच विभिन्न मूल्यों के अधिकांश नोटों के प्रचलन में गिरावट आई, जबकि 100 रुपये, 200 रुपये और 500 रुपये के बैंक नोट उच्च प्रचलन में रहे। आरबीआई की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2022-23 में प्रचलन में 100 रुपये के नोटों की मात्रा 1,805.84 करोड़ से बढ़कर अगले वित्त वर्ष में 2,056.5 करोड़ हो गई। जबकि, 200 रुपये के नोटों की मात्रा साल-दर-साल 23.1% बढ़कर 2022-23 में 771.08 करोड़ हो गई।