सतना, 03 जून (हि.स)। नमामि गंगे अभियान के तहत प्रदेश में नदी तालाबों, कुंआ, बावड़ी तथा अन्य जल स्रोतों के संरक्षण एवं पुनर्जीवन के लिये विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर 5 जून से 16 जून तक विशेष अभियान संचालित किया जाएगा। प्रदेश के साथ ही मैहर जिले में जल स्रोतों संरक्षण एवं जीर्णोद्धार के लिये 5 जून से प्रारंभ हो रहे नमामि गंगे अभियान के सफल क्रियान्वयन के लिये मैहर कलेक्टर रानी बाटड ने सोमवार कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक अधिकारियों को दिशा-निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि जल संरक्षण के लिए यह शासन का महत्वपूर्ण अभियान है तथा इसकी मूलधारणा जल संरक्षण से संबंधित है। जिले की सभी ग्राम पंचायतों तथा नगरीय निकायों में 5 जून से जल स्त्रोतों संरक्षण एवं जीर्णोद्धार गतिविधियां आयोजित की जाएं। सभी अपने-अपने क्षेत्रों में जल स्रोतों को चिन्हित कर लें तथा उनके संरक्षण तथा जीर्णोद्धार के लिये कार्य करें।
बैठक में अपर कलेक्टर शैलेंद्र सिंह, कार्यपालय यंत्री आरईएस अश्वनी जायसवाल, डीपीएम अंजुला झा सहित नगरीय निकायों एवं जनपद पंचायतों के प्रमुख अधिकारी उपस्थित रहे। कलेक्टर ने जिला तथा अनुभाग स्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि कुएं, बावड़ियां, तालाब, चेक डेम आदि जल स्रोतों के स्वच्छता का अभियान संचालित कर जहां आवश्यकता है गहरीकरण के कार्य किए जाएं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों, समाजसेवियों, सामाजिक संगठनों तथा नागरिकों को इस अभियान से जोड़ा जाए। जल स्त्रोतों के जीर्णोद्धार, गहरीकरण के कार्य में श्रमदान करने के लिए प्रेरित किया जाए। इसके अतिरिक्त 5 जून को जल संरक्षण तथा पर्यावरण संरक्षण विषय पर सभी ग्रामों तथा निकायों में संगोष्ठी का भी आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि अभियान के सफल क्रियान्वयन तथा सघन मॉनीटरिंग भी अधिकारियों द्वारा की जाये।