चरस तस्करी के दो अलग अलग मामले में एक को सत्रह दूसरे को मिला 13 वर्षों का कठोर कारावास

पूर्वी चंपारण,31 मई(हि.स.)। एनडीपीएस कोर्ट 2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने चरस तस्करी मामले में दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को सत्रह वर्षों का कठोर कारावास एवं दो लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनायी है। अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा यूपी कानपुर देहात के बिहारीघाट निवासी मास्टर बाबू के पुत्र गिरगेश कुमार को हुई।

मामले में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना के अधिकारी ने ऑफिशियल कंप्लेंट न्यायालय में दाखिल किया था, जिसमें कहा था कि 19 अक्तूबर 2018 को 47 वीं वाहिनी एसएसबी के जवानों ने रक्सौल रामगढ़वा मेन रोड में रामगढ़वा के पास जांच कर रहे थे। उसी दौरान रक्सौल की ओर से एक टाटा इंडिका कार आई। जांच के दौरान कार के डिक्की से 43 किलो चरस बरामद हुआ।

वाद विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक ने चार गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद धारा 20(बी) (सी) एवम् 23 (सी) में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाए। वही चरस तस्करी के दूसरे मामले में एनडीपीएस कोर्ट 2 के विशेष न्यायाधीश सूर्यकांत तिवारी ने दोषी पाते हुए नामजद एक अभियुक्त को तेरह वर्षों का कठोर कारावास एवं दो लाख रुपए अर्थ दंड की सजा सुनाए। अर्थ दंड नहीं देने पर छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी। सजा नेपाल पोखरिया थाना के देवरिया निवासी सुदामा राम के पुत्र किशोर राम को हुई।

मामले में रक्सौल कस्टम विभाग के इंस्पेक्टर रजनीकांत ने गिरफ्तार अभियुक्त को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो पटना को सुपुर्द कर दिया था। जिसमें कहा था कि बलथर सिकटा स्थित शिवमन्दिर के पास 17 जनवरी 2021 को एक लाल रंग की बाईक पर युवक आया। उक्त बाईक चालक को कस्टम विभाग के सीमा शुल्क अधिकारी ने रोकने का प्रयास किया,परंतु वह भागने लगा।

पुलिस बल ने भागते युवक को धर दबोचा। जांच के दौरान छुपाकर रखा उसके बाईक के सीट से 12 किलाग्राम चरस बरामद हुआ। एनसीबी के आवेदन पर न्यायालय ने नामजद अभियुक्त पर संज्ञान लिया तथा आरोप गठन कर वाद का विचारण किया। विशेष लोक अभियोजक ने पांच गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों के दलीलें सुनने के बाद धारा 20(बी) (सी) एवम् 23 (सी) में दोषी पाते हुए उक्त सजा सुनाया है।