हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर मीडिया,साहित्य और राजनीति विषय पर कार्यक्रम आयोजित

सहरसा,30 मई (हि.स.)। एम एल टी कॉलेज सभागार में हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर गुरुवार को आईक्यूएसी द्वारा मीडिया, साहित्य और राजनीति विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि प्रो.शिवनारायण ने कहा प्रतिरोध पत्रकारिता का मूल है। प्रतिरोध से न्याय का रास्ता निकलता है।

उन्होंने कहा व्यक्ति और समाज की पीड़ा को निडरता से उजागर करना ही पत्रकारिता है। दुखी मन से कोई बात यदि हृदय से निकलता है तो वह हमेशा सच होता है। उन्होंने कहा साहित्य का जन्म ही दुख और करुणा से हुआ है। दुखी लोगों को न्याय मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा पहले के पत्रकार साहित्यकार होते थे। भाषा की साधना के बिना पत्रकारिता नहीं हो सकती लेकिन आज ना पत्र है ना तार है लेकिन बनते पत्रकार हैं। महाविद्यालय में आधारभूत संरचनाओं का काफी अभाव है।

उन्होंने कहा प्रत्येक व्यक्ति को राजनीतिक चेतना से लैस रहना चाहिए। मणि भूषण वर्मा ने कहा समाज के निर्माण के साथ-साथ सत्ता और मीडिया भी अस्तित्व में आ गई। महाभारत में संजय मीडिया का ही कार्य करता था। व्यक्तिवाद की पूजा मीडिया का सबसे बड़ा दुर्गुण है। उन्होंने कहा मीडिया के लोगों को निष्पक्ष और निडर होकर अपने कार्य क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहिए। कवि शहंशाह आलम ने कहा पत्रकारिता में सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की बातों को उजागर करना चाहिए ना कि केवल किसी सत्ता पक्ष का।

प्रधानाचार्य प्रो डॉ पवन कुमार ने कहा साहित्य हमें संस्कार देती है, राजनीति हमें व्यवस्थित होना सिखाता है जबकि मीडिया हमें हमेशा राह दिखाने का काम करता है। डॉ शिशिर कुमार मिश्रा ने कहा साहित्यकार दूरदर्शी होते हैं। हिंदी मीडिया लगभग 200 वर्षों से कार्यरत है। मीडिया को सशक्त होना चाहिए। डॉ लाला प्रवीण ने कहा विपरीत हालात में पत्रकारिता करना ही सही पत्रकारिता है।

कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए डॉ सिद्धेश्वर कश्यप ने कहा मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है। मीडिया राष्ट्र की लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के साथ-साथ अधिकार और कर्तव्यों का निर्वहन करता है। स्वतंत्रता आंदोलन में साहित्यकार और पत्रकार की अहम भूमिका रही है। सच्चाई जानने और सच्चाई लिखने के लिए कार्य क्षेत्र में धरातल पर जाना होता है।

डॉ जैनेंद्र ने कहा मीडिया आज दिशाहीन हो रही है। किसी पार्टी या व्यक्ति विशेष के लिए कार्य नहीं होनी चाहिए। मीडिया में निष्पक्षता होनी चाहिए। डॉ रुपेश कुमार झा ने कहा उद्देश्य विहीन धारा किसी काम का नहीं। पत्रकारिता में जाति, धर्म का कोई स्थान नहीं। साफ सुथरी पत्रकारिता ही समाज को विकृति से दूर कर सकती है।

आईक्यूएसी कोर्डिनेटर डॉ अभिषेक नाथ ने प्रशाल को कार्यक्रम के विषय वस्तु से अवगत कराया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ उदय कुमार के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में डॉ संजीव कुमार झा, डॉ मयंक भार्गव, डॉ दीप्ति झा, डॉ सतीश दास, डॉ सुमन कुमार, प्रेम शंकर सिंह, डॉ प्रशांत कुमार मनोज, अमित कुमार सिंह, अतुल कुमार सिंह, चंदन कुमार एवं दर्जनों छात्र-छात्राएं शामिल थे।