2024 में भारतीय शेयर बाजारों में रहेगा उतार-चढ़ाव, चार प्रमुख कारण हैं जिम्मेदार, समझदारी और निवेश है जरूरी

Indian Stock Market Outlook: भारतीय शेयर बाजार की उच्च अस्थिरता के कारण छोटे और खुदरा निवेशक इस समय चिंतित हैं। उनका मानना ​​है कि 4 जून को लोकसभा चुनाव के अपेक्षित नतीजों से बाजार में तेजी आने की संभावना है, लेकिन शेयर बाजार के पिछले रुझान को देखते हुए अस्थिरता का रुख 2024 तक जारी रहने की संभावना है। लोकसभा चुनाव के कारण अस्थिरता सूचकांक भी 22.75 से 24.52 के बीच कारोबार कर रहा है। जो शेयर बाजार में बड़े उतार-चढ़ाव का संकेत दे रहा है। पिछले दो महीनों में सेंसेक्स ने 71816-76009 के ऊंचे-नीचे रेंज में कारोबार किया है। जो 4193 अंक की अस्थिरता दर्शाता है। इस प्रकार, चार महत्वपूर्ण कारकों को ध्यान में रखने की आवश्यकता है क्योंकि ऐसी स्थिति में आम निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। फिर अनुभवी और विशेषज्ञ की मदद से इन कारकों को समझकर अप्रत्याशित लाभ पर ध्यान देना चाहिए।

शेयर बाज़ार में अस्थिरता पैदा करने वाले प्रमुख कारक

  1. लोकसभा चुनाव के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष प्रभाव 

भारतीय चुनाव के इतिहास से जुड़े भारतीय शेयर बाजार के ग्राफ को देखने पर पता चलता है कि इस दौरान बाजार में काफी उतार-चढ़ाव रहता है। इस साल लोकसभा चुनाव साल की शुरुआत में है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव साल के अंत में है. यानी इन दोनों चुनावों का बाजार पर प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष असर पड़ेगा।

  1. अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के निहितार्थ भी

इस कैलेंडर वर्ष के अंत में नवंबर में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव है। हर चार साल में आने वाले इस चुनाव में निफ्टी-50 में भारी गिरावट का रुख है। अमेरिका में होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं का असर भारतीय शेयर बाजार पर पड़ता है.

  1. लीप वर्ष का प्रभाव

हर चार साल में लीप ईयर के कारण शेयर बाजार में अस्थिरता रहती है, जिसे निम्नलिखित सांख्यिकीय विवरण से समझा जा सकता है। पिछले दो दशकों में, शेयर बाजार में लीप वर्षों में न्यूनतम 25 प्रतिशत से लेकर अधिकतम 64 प्रतिशत तक की अस्थिरता देखी गई है। 2024 भी एक लीप वर्ष है, इसलिए यह देखना दिलचस्प होगा कि इस वर्ष क्या होता है।

हर चार साल में शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव होता है

वर्ष

उच्च

लेना

कम करना

घटाना %

1996

1,203.00

775.43

427.57

35.54

2000

1,818.15

1,108.20

709.95

39.05

2004

2,014.68

1,292.20

722.48

35.86

2008

6,357.10

2,252.75

4,104.35

64.56

2012

6,338.50

4,588.05

1,750.45

27.62

2016

9,120.00

6,825.80

2,294.20

25.16

2020

12,430.50

7511.10

4,919.40

39.58

2024

22,124.15

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  1. 2024 का अंकशास्त्रीय प्रभाव

2024 का शुभ अंक 2 + 0 + 2 + 4 यानी 8 है। अंक 8 शनि ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है, जो बाज़ार में अस्थिरता का संकेत देता है।

VIX सूचकांक का प्रभाव

VIX को भय सूचकांक के रूप में जाना जाता है। बाजार के लिए बढ़त मंदी और गिरावट तेजी का संकेत देती है। फिलहाल भारत VIX इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई (26.20) के करीब है। जो भारी अस्थिरता के साथ मंदी की वृद्धि का संकेत देता है।

इस स्थिति में किस पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है?

एक अस्थिर बाज़ार आम निवेशकों या व्यापारियों के लिए अच्छी स्थिति नहीं है क्योंकि वे खरीदारी करते हैं और बने रहते हैं। इसलिए यह स्थिति उनके लिए खतरनाक है.

यह स्थिति किसके लिए लाभदायक है?

यह स्थिति तकनीकी व्यापारियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। विकल्प व्यापारी विशेष रूप से इस स्थिति का लाभ उठाते हैं।

तो ऐसे में निवेश की रणनीति क्या हो सकती है?

इस प्रकार की स्थिति में अनुभवी और विशेषज्ञ की मदद से अप्रत्याशित लाभ पर ध्यान देना चाहिए। सर्वोत्तम समाधान वही है.