राजनीतिक विशेषज्ञ का अनुमान है कि बीजेपी गुजरात, राजस्थान और यूपी में क्लीन स्वीप नहीं कर पाएगी

लोकसभा चुनाव 2024: लोकसभा चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा इस बात की है कि किसे बहुमत मिलने जा रहा है। एक तरफ बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए है और दूसरी तरफ कांग्रेस, समाजवादी पार्टी जैसी विपक्षी ताकतों का भारत गठबंधन है. हालांकि अभी चुनाव नतीजे नहीं आए हैं, लेकिन राजनीतिक पंडित लगातार बैठकों की भविष्यवाणी कर रहे हैं। इस बीच योगेन्द्र यादव ने एक बार फिर राजस्थान, गुजरात और यूपी में बीजेपी को लेकर नई भविष्यवाणी की है.

योगेन्द्र यादव ने कहा कि जिस तरह से पिछले चुनाव में बीजेपी ने कर्नाटक से लेकर बिहार तक जीत हासिल की. इस बार ऐसा नहीं होगा. पार्टी का वोट शेयर 5 से 10 फीसदी तक घट जाएगा. कुछ क्षेत्रों में सीटों का नुकसान भी होगा. उन्होंने यह भी कहा कि गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बीजेपी का पिछली बार जैसा क्लीन स्वीप इस बार क्यों नहीं होगा. इस बार उन्हें कितनी सीटों का नुकसान हो सकता है?

राजस्थान में क्या होगी बीजेपी की हालत?

राजस्थान के बारे में बात करते हुए योगेन्द्र यादव ने कुछ चौंकाने वाले खुलासे किये. उन्होंने कहा कि राजस्थान में बीजेपी को हुआ नुकसान एक हिस्से में केंद्रित है. इस राज्य में पहले चरण में चुनाव हुए थे. बीजेपी को नुकसान होगा. गंगानगर से लेकर टोंक तक के इलाके में बीजेपी को नुकसान हुआ है. इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंगलसूत्र वाला बयान भी देखने को मिला.

एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने बताया कि इस बार राजस्थान में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने आरएलपी और सीपीएम के साथ समझौता किया है. जो विधानसभा चुनाव में नहीं किया गया. मेरा मानना ​​है कि बीजेपी राजस्थान में आठ सीटें खोने जा रही है. उनका कहना है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा राजस्थान की जनता के बीच लोकप्रिय नहीं हैं. राजस्थान में 25 लोकसभा सीटें हैं, जिनमें से पिछली बार बीजेपी ने 24 सीटें जीती थीं.

गुजरात में बीजेपी का खौफ हुआ कम!

योगेन्द्र यादव ने कहा कि गुजरात में बीजेपी का वोट शेयर घटेगा लेकिन सीटें घटने की संभावना बहुत कम है. ऐसा इसलिए क्योंकि पिछले चुनाव में जीत का अंतर बहुत ज्यादा था. हालांकि बनासकांठा, आणंद और भरूच जैसी सीटों पर बीजेपी की मुश्किल बढ़ सकती है. गुजरात में बीजेपी को 2 सीटों का नुकसान हो सकता है. पिछले चुनाव में बीजेपी ने गुजरात की सभी 26 सीटों पर बड़े अंतर से जीत हासिल की थी. 

क्या यूपी में दिखेगा बड़ा बदलाव?

एक राजनीतिक विशेषज्ञ ने कहा कि इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मुख्यमंत्री यूपी में लोकप्रिय हैं. यहां मुफ्त राशन का श्रेय बीजेपी को दिया जाता है. कानून व्यवस्था का फैक्टर भी बीजेपी के पक्ष में काम करता है लेकिन बीजेपी सांसदों के बारे में लोगों की राय बिल्कुल अलग है. वहां के लोगों को लगता है कि योगी-मोदी ही स्थानीय मुद्दों को दबा रहे हैं. लोग अब इसके लिए तैयार नहीं हैं. यह भी पहली बार देखने को मिल रहा है कि बसपा के वोटर अब सपा की ओर जा रहे हैं।

योगेन्द्र यादव ने कहा कि यूपी में दलितों के बीच यह संदेश गया है कि अब संविधान बचाने का समय आ गया है. इसके अलावा महंगाई, बेरोजगारी, किसानों की हालत जैसे सामान्य कारक भी अहम हैं. अगर इन सबको एक साथ रखा जाए तो समझ आता है कि बीजेपी को यूपी में 10 सीटों का नुकसान हो सकता है. पिछली बार बीजेपी ने 62 सीटें जीती थीं जबकि एनडीए के पास सहयोगी दलों के साथ 64 सीटें थीं. बीजेपी ने 70 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा था, लेकिन ऐसी कोई स्थिति नहीं है. इस बीच वहां बीजेपी को करीब 50 से 52 सीटें मिल सकती हैं.