देहरादून, 29 मई (हि. स.)। प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता और अकादमिक अनुसमर्थन के लिए राज्य स्तर पर डायट्स के गहन अनुश्रवण कार्यक्रम के अन्तर्गत बुधवार को जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) देहरादून में अनुश्रवण शुरू हो गया है। यह अनुश्रवण कार्य राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण की सात सदस्यीय टीम, अकादमिक एवं प्रशिक्षण निदेशक बन्दना गर्ब्याल और एससीईआरटी अपर निदेशक अजय कुमार नौडियाल के निर्देशन में किया जा रहा है।
इसके अन्तर्गत डायट्स के इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षक शिक्षा से सम्बन्धित गतिविधियां, मानव संसाधन और उसके सशक्तीकरण की स्थिति, अकादमिक कलैण्डर, समग्र शिक्षा के कार्यक्रमों की भौतिक और वित्तीय प्रगति, राज्य सेक्टर के अन्तर्गत स्वीकृत बजट और उसका उपयोग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (विषयगत) के कार्यों की प्रगति, डी.एल.एड प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षणार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए आयोजित गतिविधियां, वार्षिक कार्ययोजना एवं बजट 2024-25 का क्रियान्वयन, शोध एवं क्रियात्मक शोध के सम्पादन एवं क्रियान्वयन, विविध प्रकार के कार्यक्रमों के अनुश्रवण की स्थिति, डायट द्वारा प्रारम्भ की गयी।
बेस्ट प्रक्टिस और नवाचार, डायट्स से सम्बन्धित अन्य समस्याओं एवं चुनौतियां, टैक्नो फेयर, कौशलम कार्यक्रम, कोडिंग, आर्टिफिशियल इण्टेलीजेन्स, आनन्दम कार्यक्रम, एबेकस कार्यक्रम, निपुण भारत मिशन के अन्तर्गत एफ.एल.एन., सेवारत शिक्षक प्रशिक्षण, ई.सी.सी.ई., विभिन्न विषयों में डी.आर.जी. के अन्तर्गत किये गये कार्य आदि का गहन अनुश्रवण किया जायेगा।
डायट देहरादून प्राचार्य राकेश जुगरान ने डायट में चल रही विभिन्न गतिविधियों और नवाचारों को अनुश्रवण टीम के साथ साझा किया। अनुश्रवण टीम की लीडर कंचन देवराड़ी, संयुक्त निदेशक एस.सी.ई.आर.टी. ने समस्त डायट फैकल्टी को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की शैक्षिक गुणवत्ता के संवर्धन में डायट्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। डायट जिले का महत्वपूर्ण संसाधन केन्द्र होता है जो शिक्षकों को शैक्षिक नवाचारों तथा नवीन गतिविधियों में प्रशिक्षित करता है।
अनुश्रवण टीम सदस्यों में संयुक्त निदेशक कंचन देवराड़ी, सहायक निदेशक डॉ. कृष्णानन्द बिजल्वाण, कैलाश डंगवाल, डॉ. राकेश चन्द्र गैरोला, डॉ. रंजन कुमार भट्ट, शुभ्रा सिंघल और सूर्यकान्त ममगाईं शामिल हैं।