हिसार, 29 मई (हि.स.)। दक्षिण भारतीय संस्कृति से रूबरू करवाने वाले श्री तिरुपति बालाजी धाम में वृंदावन से पहुंचे श्री श्री स्वामी नारायणाचार्य जी महाराज ने तीन दिवसीय प्रवास किया। इस दौरान उन्होंने तिरुपति धाम के विकास कार्यों का अवलोकन किया और बुधवार को धाम की श्रीनिवास गोशाला में पहुंचकर गोसवा कार्य भी किया। उन्होंने श्री तिरुपति धाम के विभिन्न मंदिरों के दर्शन करने के साथ-साथ सवारी शोभा यात्रा में भी हिस्सा लिया।
श्री तिरुपति धाम में निर्माणाधीन 71 फुट ऊंचे गोपुरम के संदर्भ में भी विस्तार से चर्चा की। दरअसल दक्षिण भारत के कारीगरों द्वारा धाम पर दक्षिण भारतीय शैली में भव्य गोपुरम का निर्माण किया जा रहा है। गोपुरम के निर्माण के उपरांत तिरुपति धाम की छटा में निखार आ जाएगा। यह भव्य गोपुरम कई किलोमीटर दूर से दिखाई देगा।
श्री तिरुपति धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं ने श्री श्री स्वामी नारायणाचार्य जी महाराज से आशीर्वाद प्राप्त किया और धाम में स्थापित श्री वेंकटेश भगवान जी, श्री पद्मावती माता जी, श्री गोदांबा माता जी, श्री गरुड़ जी, श्री लक्ष्मी नृसिंह जी, श्री सुदर्शन जी, श्री रामानुज स्वामी जी, श्री शठकोप स्वामी जी एवं श्री हनुमान जी के मंदिरों के भी दर्शन किए। इसके साथ-साथ श्रद्धालुओं ने श्री गरुण स्तंभ, बलिपीठम, विशाल घंटाघर, पवित्र पुष्करणी, श्री तिरुपति यज्ञशाला व श्रीनिवास गोशाला का भी अवलोकन किया। श्री श्री स्वामी नारायणाचार्य जी महाराज तीन दिन के प्रवास के उपरांत वापस वृंदावन लौट गए। इस दौरान काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने नतमस्तक होकर स्वामी नारायणाचार्य जी महाराज के प्रति आस्था जताई।