सिधू मूसेवाला डेथ एनिवर्सरी: पिता के छलके आंसू, सिधू मूसेवाला को नहीं मिला न्याय

मशहूर पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला के निधन को 2 साल हो गए हैं। आज सिद्धू मूसेवाला की दूसरी पुण्य तिथि है. आज से दो साल पहले सिद्धू मूसेवाला की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी लेकिन आज तक उनके परिवार को न्याय नहीं मिला है. ऐसे में उनके पिता अपने बेटे को याद कर भावुक हो गए हैं और जनता से कांग्रेस उम्मीदवार को जिताने की अपील की है.

सिद्धू मूसेवाला को न्याय नहीं मिला

लोकसभा चुनाव के आखिरी चरण से पहले सिद्धू मूजवाला के पिता बलकौर सिंह कांग्रेस के लिए प्रचार करते नजर आए. सबसे बड़ा कारण बेटे को न्याय नहीं मिलना है। इस दौरान बलकौर सिंह के हाथ में दो पेज का पोस्टर था, जिसमें सिद्धू मूसेवाला की मौत से जुड़े 9 सवाल पूछे गए हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि कांग्रेस प्रत्याशी को जिताकर संसद भेजें और इन सभी सवालों का जवाब उन्हें सदन में सरकार से जरूर मिलेगा.

 

 

 

फैंस ने भी की ये अपील

आपको बता दें कि पंजाब की 13 सीटों पर 1 जून को मतदान होना है. वोटिंग से पहले सिद्धू मूसेवाला की बरसी है. ऐसे में बलकौर सिंह अपने बेटे को याद कर भावुक हो गए हैं. उन्होंने सिद्धू के प्रशंसकों से विशेष अपील की है कि वे 1 जून को चुनाव में जाएं और अपने बेटे की मौत के लिए जिम्मेदार लोगों को हराएं। बलकौर सिंह ने कहा कि इस पूरे चुनाव में मेरा फोकस सिद्धू मूजवाला को न्याय दिलाना है. किसी भी राजनीतिक दल ने मेरे बेटे की मौत को चुनावी मुद्दों में शामिल नहीं किया है. इसलिए मैं उम्मीदवारों से आश्वासन चाहता हूं कि उनके जीतने के बाद मेरे बेटे को न्याय जरूर मिलेगा।

 

 

 

माँ का पसंदीदा गाना ‘डियर मामा’

आपको बता दें कि बलकौर सिंह की पत्नी और सिद्धू मूजवाला की मां चरण कौर ने इसी साल मार्च में बेटे को जन्म दिया था. परिवार के करीबी सूत्रों के मुताबिक, चरण कौर अक्सर सिद्धू मूजवाला का गाना ‘डियर मामा’ सुनती हैं और अपने बेटे को सुनाती हैं, जिससे उन्हें काफी राहत मिलती है।

29 मई 2022 को दिनदहाड़े सिद्धू मूसेवाला को 19 गोलियां मारी गईं। इस मामले में 34 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. इस केस की पूरी जांच गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई पर अटकी हुई थी. इस हत्या में गोल्डी बरार का भी हाथ था. गोल्डी बरार कनाडा में हैं. यही कारण है कि सिद्धू के हत्यारों को अभी तक सजा नहीं मिल सकी है.