राजधानी दिल्ली को जाम मुक्त बनाने के लिए एक के बाद एक प्रोजेक्ट लॉन्च किए जा रहे हैं। इस साल द्वारका एक्सप्रेसवे के खुलने के बाद गुरुग्राम का सफर काफी आसान हो गया और जो दूरी पहले तय करने में एक घंटे का समय लगता था, वो अब 20 मिनट में तय हो जाती है। इसी सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए दिल्ली सरकार एक और प्रोजेक्ट लॉन्च करने जा रही है, जिससे दिल्ली से फरीदाबाद-गुरुग्राम रूट पर सफर करने वाले लोगों को फायदा होगा और दिल्ली बॉर्डर पर लगने वाला जाम भी खत्म हो जाएगा।
दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने दक्षिण-पश्चिम जिले के डीएम को जमीन अधिग्रहण के आदेश भी जारी कर दिए हैं और इस मार्ग को साल के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य है। 8.8 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन का बनाया जाएगा, ताकि वाहनों की आवाजाही तेज हो सके। फिलहाल यह 2 लेन की सड़क है, जिस पर रोजाना घंटों जाम लगता है।
एक्सप्रेसवे कहां से कहां तक बनेगा?
दिल्ली के नजफगढ़ रोड पर बनने वाला यह एक्सप्रेसवे ग्वाल पहाड़ी गांव से शुरू होकर अंधेरी मोड़ तक जाएगा। गुरुग्राम-फरीदाबाद रूट पर बन रहा यह 6 लेन का एक्सप्रेसवे परिवहन को आसान बनाएगा। फिलहाल यह रूट 2 लेन का है, जिसकी चौड़ाई 7.5 से 10 मीटर है। यही वजह है कि इस रूट पर हर दिन घंटों ट्रैफिक जाम रहता है, खासकर दिल्ली की तरफ।
2 लाख ड्राइवरों को मिलेगा फायदा
9 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे के बनने से हर दिन करीब 2 लाख वाहन चालकों को फायदा होगा। फिलहाल ग्वाल पहाड़ी-अंधेरिया मोड़ रोड से हर दिन करीब 1 लाख वाहन दिल्ली में प्रवेश करते हैं और करीब इतने ही लोग गुरुग्राम की तरफ भी जाते हैं। इतने भारी ट्रैफिक की वजह से दिल्ली बॉर्डर पर हर दिन लंबा जाम लगता है। नए एक्सप्रेसवे के बनने से इन 2 लाख वाहन चालकों का समय बचेगा।
नया एक्सप्रेसवे कैसा होगा?
नया एक्सप्रेसवे करीब 30 मीटर चौड़ा बनेगा, जिसमें 6 लेन होंगी। हर तरफ 3 लेन की सड़क होगी और इसकी कुल लंबाई करीब 8.8 किलोमीटर होगी। एक्सप्रेसवे के लिए 25 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा, जिसके लिए शहरी विकास कोष से दिल्ली के लोक निर्माण विभाग (PWD) को 50 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है।
एक्सप्रेसवे के क्या लाभ हैं?
नए एक्सप्रेसवे के बन जाने के बाद दिल्ली-गुरुग्राम के बीच यातायात आसान हो जाएगा। इससे न केवल दैनिक यात्रियों को लाभ होगा, बल्कि दैनिक आवश्यक वस्तुओं का परिवहन भी आसान हो जाएगा। इससे व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा। चौड़ी सड़क और वन-वे मार्ग होने से दुर्घटनाओं को रोकना भी आसान हो जाएगा।