जबलपुरः दोहरे हत्याकांड में फरार नाबालिग हरिद्वार से गिरफ्तार, मास्टर माइंड भाग निकला

जबलपुर, 28 मई (हि.स.)। शहर के सिविल लाइन थाना स्थित मिलेनियम कालोनी में इसी साल 15 मार्च को रेल कर्मचारी पिता राजकुमार विश्वकर्मा और भाई तनिष्क की हत्या करने वाली नाबालिग लड़की को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। करीब ढाई महीने की तलाश के बाद उसे मंगलवार की शाम हरिद्वार पुलिस ने अभिरक्षा में लिया है। हालांकि, उसका बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह, जिसे घटना का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है, पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। जानकारी मिलते ही जबलपुर पुलिस की टीम हरिद्वार के लिए रवाना हो गई है।

बीते करीब 70 दिन से नाबालिग और उसके बॉयफ्रेंड की तलाश की जा रही थी। इसके लिए पुलिस ने देशभर के कई राज्यों में टीम भेजी और पोस्टर छपवाकर आरोपित की तलाश की। पुलिस को पोस्टर के जरिए ही आरोपित की जानकारी मिली।

जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि मंगलवार को हरिद्वार पुलिस का फोन आया था। वीडियो कॉल पर नाबालिग की तस्वीर दिखाई गई। जबलपुर पुलिस की एक टीम हरिद्वार के लिए रवाना की गई है। जल्द ही पुलिस उसे लेकर जबलपुर आएगी। उन्होंने कहा कि जल्द ही मुकुल सिंह भी पुलिस गिरफ्त में होगा। हरिद्वार पुलिस ने इलाके में नाकाबंदी कर दी है। उम्मीद है कि जल्द ही उसे भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

गौरतलब है कि सिविल लाइन में रेलवे की मिलेनियम कालोनी में रहने वाले राजकुमार विश्वकर्मा उम्र 52 वर्ष और उनके बेटे तनिष्क उम्र आठ वर्ष की इसी साल 15 मार्च को बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। पिता राजकुमार व भाई तनिष्क की हत्या के बाद नाबालिग बेटी ने भोपाल में अपने चचेरी बहन को वाइस मैसेज कर कहा कि पड़ोस में रहने वाले मुकुल ने पापा व भाई को मार दिया है। दोपहर करीब तीन बजे पुलिस आरपीएफ के साथ पहुंची तो घर पर बाहर से ताला लगा था। ताला तोड़कर पुलिस अंदर दाखिल हुई। घर के भीतर किचन में राजकुमार की खून से सनी लाश पड़ी थी। शव पॉलीथिन में बंद था। वहीं फ्रिज में पॉलीथिन के ऊपर चादर में लिपटी तनिष्क की खून से सनी लाश मिली। इसके बाद से रेलकर्मी की 17 साल की बेटी अपने बॉयफ्रेंड मुकुल सिंह (21) के साथ फरार हो गई। पुलिस को अलग-अलग राज्यों में दोनों की लोकेशन मिली थी। आरोपित हर बार जगह बदलते रहे। इसके बाद पुलिस ने आरोपित का पोस्टर और फोटो कई राज्यों में बांटा और पूछताछ की।

पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी में पता चला है कि आरोपित मुकुल और नाबालिग आश्रम, गुरूद्वारा और अन्य धार्मिक स्थानों पर ठिकाना बना रहे थे। वे यहां भोजन करते और दिन गुजार रहे थे। हरिद्वार में इसी तरह वे आश्रम में थे जहां पर चौकीदार को मुकुल की शक्ल पोस्टर से मिलती जुलती दिखी। उसने इसकी खबर पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई शुरू की। हरिद्वार में जब पुलिस पकड़ने के लिए जाल बिछा रही थी उस वक्त मुकुल को संदेह हुआ और उसने कुछ देर में आने की बात कहकर वहां से भाग गया। पुलिस अभी खोजबीन कर रही है।