चंडीगढ़, 28 मई (हि.स.)। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कहा कि भ्रष्टाचार और महिलाओं से दुराचार आम आदमी पार्टी का शिष्टाचार और व्यवहार बन चुका है। मंगलवार को चंडीगढ़ भाजपा प्रदेश कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी यानी आआपा का नया नाम अब एंटी औरत पार्टी बोलना चाहिए क्योंकि जब भी इस पार्टी के नेताओं द्वारा महिलाओं से दुराचार की बात सामने आती है तो वह महिलाओं के सम्मान और उन्हें न्याय दिलाने और उनके समर्थन में बोलने की बजाए दुराचारियों के साथ खड़े दिखाई देते हैं। फिर चाहे देश में राशन कार्ड बनवाने का नया माडल देने वाले आम आदमी पार्टी के दिल्ली से विधायक रहे संदीप कुमार हों या अपनी ही पत्नी का उत्पीड़न करने वाले दिल्ली सरकार के मंत्री रहे सोमनाथ भारती,अनुसूचित समाज के बच्चों के साथ दुराचार करने वाले लाल चंद कटार चक, विभव कुमार और नौकरी दिलाने की एवज में 21 साल की युवती के साथ दुराचार करने वाले पंजाब के मंत्री बलकार सिंह हों।
शहजाद पूनावाला ने कहा कि महिलाओं से दुराचार करने वाले आम आदमी पार्टी के इन नेताओं को हर बार केजरीवाल का संरक्षण क्यों मिलता है? इसका जवाब कम से कम इंडी गठबंधन के नेताओं को जरूर अरविंद केजरीवाल से लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, प्रियंका चतुर्वेदी से मेरा सवाल है कि आम आदमी पार्टी के नेताओं द्वारा लगातार किए जा रहे महिलाओं से दुराचार के मामलों में यह सब खामोश क्यों है।
पूनावाला ने कहा कि इंडी गंठबंधन के इन नेताओं को देश इनकी चयनात्मक चुप्पी के रूप में देख रहा है जिसे वह बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि ताजा मामला पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार में मंत्री बलकार सिंह का सामने आया है।
सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही बलकार सिंह की इस शर्मनाक वीडियो के बारे में वह ज्यादा कुछ नहीं बोलेंगे क्योंकि यह पूरे देश के सामने हैं कि किस तरह से आम आदमी पार्टी की सरकार का मंत्री एक युवती को नौकरी दिलाने की एवज में शोषण करता दिखाई दे रहा है। इस पूरे प्रकरण के सामने आने के बाद भी दिल्ली के सीएम अऱविंद केजरीवाल जालंधर में चुनाव प्रचार अभियान के दौरान आरोपी बलकार सिंह के साथ नजर आते हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब के सीएम भगवंत मान तो नोमिनी मुख्यमंत्री हैं जबकि कर्ताधर्ता तो केजरीवाल हैं। उन्हें चाहिए था कि इस घटनाक्रम के सामने आने के तुरंत बाद पंजाब के दुराचारी मंत्री को तुरंत बर्खास्त कर उच्च स्तरीय जांच कराई जाए लेकिन वह उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराने के नाम साथ घूम रहे हैं। हालांकि इस मामले में भारतीय महिला आयोग ने संज्ञान लिया है पर चंडीगढ़ में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनीष तिवारी ने अबतक इस मामले में कोई बयान नहीं दिया। चंडीगढ़ में समर्थन की वजह से वह इस घनौने घटनाक्रम पर महिलाओं के हक में बोलने की बजाय चुप बैठे हैं जबकि पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और संगरुर से कांग्रेस उम्मीदवार सुखपाल खैरा ने इस घटनाक्रम की निंदा की है।