रामगढ़, 28 मई (हि.स.) । रामगढ़ छावनी परिषद का नगर निकाय में विलय को लेकर अधिकारियों की मैराथन बैठक मंगलवार को संपन्न हुई। रांची में आयोजित इस बैठक में रामगढ़ जिला प्रशासन के साथ-साथ नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, स्वास्थ्य विभाग , शिक्षा विभाग सहित अन्य विभागों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। हालांकि यह बैठक विचार-विमर्श और मंथन तक ही सीमित रही। विलय को लेकर गठित की गई समिति कोई ठोस निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। कुछ अन्य मुद्दों पर भी नगर परिषद को अपनी रिपोर्ट तैयार करनी होगी। विलय के मुद्दे पर 18 जून को अगली बैठक रखी गई है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि उस दिन सारे मुद्दों पर सहमति बन जाएगी।
बैठक में नगर परिषद की तरफ से छावनी परिषद के संपत्ति और उसके दायित्वों से संबंधित पूरी रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके अलावा छावनी परिषद में वर्तमान समय में कार्यरत 152 कर्मचारी की सैलरी और उसके पेंशन को लेकर भी पूरी रिपोर्ट सौंप गई है। रिपोर्ट पर राज्य सरकार और रक्षा मंत्रालय की ओर से मौजूद पदाधिकारियों ने अपने-अपने मंतव्य रखें। इसमें सबसे बड़ी अड़चन फ्यूचर पेंशन प्लान को लेकर उभर कर सामने आई है। रक्षा मंत्रालय इस बोझ को राज्य सरकार को उठाने पर जोर दे रही है। हालांकि वर्तमान समय में रिटायर होने वाले कर्मचारियों का पेंशन रक्षा मंत्रालय खुद देने की बात भी कर रहा है। रामगढ़ प्रशासन की तरफ से इस मुद्दे को भी उठाया गया की छावनी परिषद क्षेत्र में बनाए गए पार्क का टेंडर किस रेट पर किया जा रहा है और होल्डिंग टैक्स किस रेट के आधार पर वसूला जा रहा है, इसकी रिपोर्ट भी अभी पूरी नहीं हुई है।
स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग को भी बढ़ सकती है जिम्मेदारी
रामगढ़ छावनी परिषद क्षेत्र में सिर्फ सफाई कर्मचारी, क्लर्क और पदाधिकारी ही नहीं है। छावनी क्षेत्र में बनाए गए अस्पताल, विद्यालय, पार्क में भी चिकित्सक, शिक्षक और कर्मचारी मौजूद हैं। राज्य सरकार नगर परिषद पर छावनी का पूरा बोझ एक साथ डालना नहीं चाह रही है। स्वास्थ्य विभाग को अस्पतालों की जिम्मेदारी मिल सकती है। शिक्षा विभाग पर विद्यालयों का बोझ बढ़ सकता है। पार्क और छावनी परिषद के कर्मचारी का समायोजन नगर निकाय में होगा, तो उसका वेतन नगर निकाय से ही भुगतान किया जाएगा।
बिना नक्शा पास के बने 4000 मकान बन सकते है सिरदर्द
रामगढ़ छावनी परिषद क्षेत्र में कैंप एरिया की बाउंड्री से 100 मीटर की परिधि में ऊंचे भवनों के निर्माण पर भी आपत्ति को लेकर विचार विमर्श किया गया है। जिला प्रशासन की ओर से यह बताया गया कि पहले यह दायरा 30 मीटर था, जिसे बाद में 50 मी किया गया। अब यह दायरा 100 मीटर कर दिया गया है, जो रामगढ़ जैसे छोटे शहर के लिए उचित प्रतीत नहीं होता है । इसके अलावा छावनी परिषद क्षेत्र में बिना नक्शा पास कराए 4000 से अधिक मकान का भी निर्माण किया जा चुका है, जिसे खाली करना एक टेढ़ी खीर साबित हो सकती है।