जेरूसलम: राफा में इजरायली हमलों से इजरायल और हमास के बीच युद्ध जारी है. इस बीच इजरायली सेना ने दक्षिणी गाजा में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है. हमास ने इजराइल पर मिसाइल हमले किए, जिसके बाद इजराइल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए राफा शहर पर हमला किया. मृतकों में 23 महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं।
कुल 45 लोगों की मौत हुई. इन्हें मिलाकर 7 अक्टूबर 2023 से गाजा में जारी इजरायली हमलों में मारे गए फिलिस्तीनियों की संख्या 36,050 तक पहुंच गई है. बता दें कि हवाई हमले के कारण राफा में विस्थापित लोगों द्वारा बनाए गए टेंटों में आग लग गई, जिससे 45 लोगों की मौत हो गई.
सैन्य कार्रवाई पर अफसोस है
इस हमले पर कई देशों ने चिंता जताई है. इतना ही नहीं इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस घटना पर अफसोस जताया है. उन्होंने इस हमले को लेकर अपनी गलती स्वीकार कर ली है. नेतन्याहू ने कहा कि सैन्य अभियान का मकसद किसी को नुकसान पहुंचाना नहीं था. इस हमले की जांच की जाएगी. संसद में अपने भाषण में उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से इस हवाई हमले में कुछ नागरिकों की मौत हो गई है.
लोगों को भागने का मौका भी नहीं मिला
राफा में प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इजरायली हमले के कारण शरणार्थियों के तंबू में आग लग गई और उन्हें भागने का समय नहीं मिला और वे जलकर मर गए।
हमास ने हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है
हमास के वरिष्ठ नेता सामी अबू ज़ुहरी ने इसे फ़िलिस्तीनियों के ख़िलाफ़ नरसंहार बताया है और इसके लिए अमेरिका को दोषी ठहराया है, जो इसराइल को हथियार और धन मुहैया करा रहा है। बड़ी संख्या में नागरिकों के मारे जाने और दुनिया भर में हमले की निंदा के बावजूद राफा में इजरायली सैन्य अभियान सोमवार को भी जारी रहा.
सोमवार को शहर के पूर्वी और मध्य हिस्सों में इज़रायली टैंकों की गोलीबारी में आठ लोग मारे गए। रफ़ा के पूर्व में इसराइली सेना और हमास लड़ाकों के बीच दो सप्ताह से लड़ाई जारी है, लेकिन रफ़ा क्षेत्र में यह पहला खूनी हमला है।
रफ़ा में यूरोप की कार्रवाई
इजरायली हमले की दुनिया भर में निंदा हो रही है. यूरोपीय नेताओं ने रफ़ा में सैन्य अभियान रोकने के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को तुरंत लागू करने की आवश्यकता जताई है. जर्मन विदेश मंत्री एनालेना बर्बॉक और यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रमुख जोसेप बोरेल ने कहा कि राफा पर अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले का सम्मान किया जाना चाहिए। साथ ही, गाजा में मानवाधिकारों की रक्षा की जानी चाहिए।