सिम खरीदने के नए नियम: अनचाहे कॉल और साइबर धोखाधड़ी को रोकने के लिए दूरसंचार विभाग ने सिम कार्ड की थोक बिक्री के दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है। पहले नए बल्क सिम रिटेलर के ज़रिए जारी किए जा सकते थे, लेकिन अब सिर्फ़ टेलीकॉम कंपनी को ही ऐसे कनेक्शन जारी करने की अनुमति होगी। इससे साइबर धोखाधड़ी और अनचाहे कॉल को रोकने में काफ़ी मदद मिलेगी।
नए नियम के मुताबिक, कंपनी एक बार में सिर्फ 100 सिम कार्ड ही जारी करेगी। मशीन टू मशीन कम्युनिकेशन के लिए सिम कार्ड जारी नहीं किया जाएगा। नया सिम जारी करने से पहले कंपनी को सबसे पहले खरीदार के पते का फिजिकल वेरिफिकेशन करना होगा। इसके अलावा, जो कंपनी सिम कार्ड जारी करेगी, उसे ग्राहक से एक हलफनामा लेना होगा कि इन सिम कार्ड का गलत इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।
नई नंबर श्रृंखला जारी
दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण यानी ट्राई ने मिलकर नई मोबाइल नंबर सीरीज जारी की है। इसके तहत 140 नंबर की मोबाइल सीरीज से प्रमोशनल वॉयस कॉलिंग मैसेज आएंगे, जबकि 160 नंबर की सीरीज से वित्तीय लेनदेन और सर्विस वॉयस कॉल आएंगे।
उम्मीद है कि आने वाले दिनों में टेलीकॉम ऑपरेटर जियो, एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की ओर से इन नंबर सीरीज को पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा, जिसके बाद इन दो मोबाइल नंबर सीरीज से प्रमोशनल और बैंकिंग मैसेज जारी किए जाएंगे। इससे ग्राहक पहचान सकेंगे कि कौन से प्रमोशनल और बैंकिंग मैसेज हैं। सरकार का मानना है कि इससे मोबाइल फ्रॉड को रोकने में मदद मिलेगी।
भारत में फ़िशिंग संदेशों की बाढ़
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में फर्जी और प्रमोशनल कॉल और मैसेज की बाढ़ आ गई है। हर मोबाइल यूजर को एक दिन में करीब 20 से 25 प्रमोशनल कॉल और मैसेज मिलते हैं। आंकड़ों के मुताबिक भारत में हर महीने मोबाइल ग्राहकों को सैकड़ों फिशिंग मैसेज भेजे जाते हैं। हर महीने हर 12 में से एक व्यक्ति फिशिंग का शिकार होता है। करीब 3,00,000 लोग धोखाधड़ी का शिकार होते हैं, लेकिन सिर्फ 35,000-45,000 लोग ही इन घटनाओं की रिपोर्ट करते हैं।