कनाडा की सरकार नागरिकता कानून में बदलाव करने जा रही है। अगर किसी कनाडाई नागरिक का बच्चा किसी दूसरे देश में जन्म लेता है तो उसे भी कनाडा की नागरिकता मिल सकेगी। कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने गुरुवार (23 मई) को यह जानकारी दी।
दरअसल, कनाडा सरकार ने 2009 में नागरिकता अधिनियम में संशोधन किया था। हालांकि, अब कनाडा सरकार ने वंश के आधार पर नागरिकता के लिए कानून पेश किया है। मार्क मिलर द्वारा पेश किए गए कानून के अनुसार, यह कानून वंश के आधार पर पहली पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक लागू होगा। इस कानून का कई देशों के अप्रवासियों ने भी स्वागत किया है।
कनाडा की नागरिकता किसे मिलेगी?
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित संशोधन के अनुसार, 2009 के बाद विदेश में अपने बच्चों को जन्म देने वाले कनाडाई लोगों को कनाडा की नागरिकता दी जाएगी। हालांकि, पहले ऐसा नहीं था, लेकिन अब कनाडा सरकार ने यह फैसला लिया है।
आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने क्या कहा?
कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर ने कहा कि वर्तमान नियम आम तौर पर वंश नागरिकता को पहली पीढ़ी तक सीमित रखते हैं। कुछ लोगों को छोड़कर, जिनका कनाडा से वास्तविक संबंध है। इसका परिवारों पर अस्वीकार्य प्रभाव पड़ता है और जीवन के विकल्पों पर असर पड़ता है। इन परिवर्तनों का उद्देश्य समावेशी होना और कनाडाई नागरिकता के मूल्य की रक्षा करना है, क्योंकि हम नागरिकता प्रक्रिया को यथासंभव निष्पक्ष और पारदर्शी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
भारतीयों को लाभ होगा
इमिग्रेशन सर्विसेज फर्म के संस्थापक केन निकेल-लेन के अनुसार, इस कानून में संशोधन से सबसे ज्यादा असर अप्रवासी भारतीयों पर पड़ेगा, क्योंकि कनाडा में अप्रवासी भारतीयों की संख्या काफी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि प्रस्तावित कानून का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कनाडा से संबंध रखने वाले कनाडाई यहां की नागरिकता पा सकें।