किशनगंज पुलिस पर पश्चिम बंगाल में हमला, थानेदार ने की पांच राउंड फायरिंग, 2 सिपाही घायल

किशनगंज, 24 मई (हि.स.)। बिहार और पश्चिम बंगाल की सीमा से सटे किशनगंज शहर से सटे पश्चिम बंगाल के विलायतीबारी में गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई करने पहुंची बिहार पुलिस की टीम को उग्र भीड़ ने घेर लिया और उनपर हमला कर दिया। जान बचाने के लिए किशनगंज सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने बीच बचाव में पांच राउंड फायरिंग की। गोली लगने से दो लोग घायल हो गए।

फायरिंग की आवाज सुनकर ग्रामीण और भी उग्र हो गए। भीड़ ने सदर थानाध्यक्ष समेत अन्य पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। सदर थाना पुलिस ट्रैक्टर और मकई की लूट कांड मामले में यहां एक युवक को गिरफ्तार करने पहुंची थी। इस दौरान सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार और अन्य पुलिस कर्मियों को ग्रामीणों ने घेर लिया। ग्रामीणों ने यहां पुलिस पर हमला करना शुरू कर दिया। इसके बाद जान बचाने के लिए सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार को पांच राउंड फायरिंग करनी पड़ी।

फायरिंग की आवाज सुनकर आक्रोशित भीड़ ने थानाध्यक्ष और अन्य पुलिस कर्मियों पर हमला कर दिया। इस हमले में दो सिपाही सहित कई ग्रामीण घायल हो गए। हमले में दो ग्रामीणों को गोली लगने की बात सामने आ रही है। हालांकि, सदर थानाध्यक्ष संदीप कुमार ने एक आरोपी अब्दुल तउब के बेटे नूर आलम को गिरफ्तार कर लिया है। वहीं, दोनों घायल युवक को चकलिया अस्पताल ले जाया गया है। यहां उनका इलाज चल रहा है। दोनों सुरक्षित बताए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि बिहार पुलिस ने कार्रवाई के दौरान मदद नहीं ली। मामले में दालकोला एसडीपीओ रतिन नाथ विश्वास ने बताया कि हम लोग को सूचना मिली थी कि चार-पांच बिहार के पुलिसकर्मी बंगाल के एक लड़के को पकड़ने आए हैं। लेकिन, बिहार पुलिस ने कार्रवाई के दौरान बंगाल पुलिस की मदद नहीं ली। उन्होंने कहा कि यह गलत हुआ है। बंगाल पुलिस की ओर से कहा गया है कि उन्हें बिहार पुलिस की ओर से कोई सूचना नहीं दी गई और फायरिंग की गई है। स्थानीय विधायक मिनाज आलम ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया।

उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस ने बिना बंगाल पुलिस को जानकारी दिए यहां रेड की। एक स्थानीय नूर आलम को पकड़कर ले गए। उसका क्या कसूर है, पता नहीं है। उन्होंने फायरिंग भी की, जिसमें 2-3 लोग घायल हुए हैं। उनका इलाज चल रहा है। यहां की पुलिस ने 3 खोखा बरामद किया है। मिनाज आलम ने आगे कहा कि हमलोग बिहार-बंगाल के बोर्डर पर रहते हैं। हमें शांतिपूर्वक रहना होगा। लेकिन, बिहार की पुलिस का यह काम तानाशाही वाला है। हम इसके खिलाफ डीएम-एसपी से शिकायत करेंगे। आगे सरकार से भी बात करेंगे।