चारधाम यात्रा: चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 52 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनमें से बद्रीनाथ में 14, केदारनाथ में 23, गंगोत्री में 03 और यमुनोत्री में 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई। पिछले 10 वर्षों में केदारनाथ में 350 से अधिक श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जिसका मुख्य कारण सीने में दर्द, बेचैनी और दिल का दौरा है।
बदरीनाथ धाम की यात्रा पर आए केरल के एक श्रद्धालु की गुरुवार को हृदय गति रुकने से मौत हो गई। परिजनों ने विष्णुप्रयाग में ही अंतिम संस्कार कर दिया। अब तक बद्रीनाथ धाम आए आठ तीर्थयात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो चुकी है।
केरल के तिरुवनंतपुरम से चार महिलाएं और दो पुरुष बद्रीनाथ दर्शन के लिए आए थे। श्रीनिवासन (63) का बुधवार को अचानक दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। सीएमओ डाॅ. राजीव शर्मा ने इसकी पुष्टि की है. इसके बाद परिजन शव को विष्णुप्रयाग ले आए, लेकिन उनके पास अंतिम संस्कार करने के लिए कोई सामान नहीं था। इस संबंध में उन्होंने जोशीमठ नगर पालिका से मदद मांगी। इस पर नगर पालिका ने उन्हें सामान उपलब्ध कराया, जिसके बाद ही अंतिम संस्कार किया गया।
हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा पर निकले पंजाब के एक तीर्थयात्री की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। हेमकुंड साहिब के कपाट 25 मई को खुलेंगे। कुछ श्रद्धालु पहले से ही खंडेरिया पहुंच रहे हैं।