रायपुर , 23 मई (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने आज गुरुवार को प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस कथन का तीखा प्रतिकार करते हुए न्यायालय की खुली अवहेलना करार दिया है, जिसमें ममता बनर्जी यह कहती नजर आ रही हैं कि “मैं कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं करूंगी, बंगाल में मुसलमानों को ओबीसी आरक्षण देना नहीं छोड़ूंगी।” श्री देव ने आरक्षण को लेकर दिए गए एक ऐतिहासिक फैसले के बाद बनर्जी के वायरल हुए वीडियो का हवाला देकर कहा कि ममता बनर्जी का कथन न केवल संविधान की आत्मा को लहूलुहान करने वाला है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव ने कहा कि 2010 के बाद पश्चिम बंगाल में जारी किए गए सभी ओबीसी प्रमाणपत्रों को रद्द करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि ममता बनर्जी की सरकार गैर-संवैधानिक तरीके से, तुष्टीकरण की नीति को आगे बढ़ा रही थीं। भाजपा पर संविधान बदलने और आरक्षण खत्म कर देने के झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस और उसका इंडी ‘ठगबंधन’ अपने पाप-कर्मों को छिपाने की साजिश में लगा है, कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्णय ने विपक्षी दलों के इस टूलकिट नैरेटिव की बखिया उधेड़ दी है। श्री देव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस और उसकी पिछली भूपेश सरकार ने आरक्षण के नाम पर जिस तरह के राजनीतिक षड्यंत्रों की हदें पार कर दी थीं उसकी सजा कांग्रेस को प्रदेश की जनता ने दी लेकिन अपनी शर्मनाक हार से कोई सबक लेने के बजाय कांग्रेस छत्तीसगढ़ में संविधान बदलने और आरक्षण खत्म करने का ढोल पीटती रही। अब कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले ने कांग्रेस और इंडी गठबंधन को घुटनों पर ला दिया है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री देव ने प. बंगाल की मुख्यमंत्री बनर्जी का बयान देश की न्याय-व्यवस्था का मखौल उड़ा रहा है। सत्ता के अहंकार में चूर बनर्जी को प. बंगाल की जनता और पूरे इंडी ‘ठगबंधन’ को देश की जनता इस लोकसभा चुनाव में करारा सबक देने जा रही है। श्री देव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस चुनाव में बड़े ही स्पष्ट शब्दों में इस विषय को उठाया कि किस तरीके से ममता बनर्जी, राहुल गांधी और बाकी सारे दल घमंडिया गठबंधन के तहत तुष्टीकरण करने के साथ-साथ संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। संविधान में साफ लिखा है कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं होगा और विपक्षी दल अपने तुष्टीकरण से प्रेरित अपने उसी एजेंडे पर आगे बढ़ रहे हैं। श्री देव ने कहा कि ममता बनर्जी संविधान की रक्षा की शपथ लेते हुए मुख्यमंत्री बनी हैं और संविधान से ऊपर कोई भी नहीं है। राहुल गांधी संविधान की पुस्तक लेकर फिरते रहते हैं लेकिन ऐसे मुद्दों पर जब हाई कोर्ट का फैसला आ जाता है और तुष्टीकरण का पर्दाफाश होता है, तो चुप्पी साध लेते हैं।