सीहोरः वैशाख पूर्णिमा पर कुबेरेश्वरधाम में उमड़ा आस्था का सैलाब

सीहोर, 23 मई (हि.स.)। जिला मुख्यालय के समीपस्थ चितावलिया हेमा स्थित निर्माणाधीन मुरली मनोहर एवं कुबेरेश्वर महादेव मंदिर में गत 15 मई से प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा के आदेशानुसार रुद्राक्ष वितरण का कार्य किया जा रहा है। हर रोज यहां पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था और उत्साह के साथ बाबा के दर्शन के लिए आते हैं। गुरुवार को यहां वैशाख पूर्णिमा का पर्व मनाया गया। इस मौके पर कुबेरेश्वरधाम में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।

वैशाख पूर्णिमा पर पंडित प्रदीप मिश्रा के अलावा विठलेश सेवा समिति की ओर से पंडित विनय मिश्रा और समीर शुक्ला आदि ने सुबह अभिषेक कर करीब आठ क्विंटल से अधिक खिचड़ी का भोग लगाया, इसके अलावा यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को सब्जी और रोटी आदि का वितरण देर शाम तक किया गया। गुरुवार को करीब 40 हजार से अधिक श्रद्धालुओं को निशुल्क रुद्राक्ष का वितरण किया गया। धाम पर आने वालों के लिए निशुल्क रूप से भोजन, पेयजल आदि की व्यवस्था समिति के द्वारा की गई है।

विठलेश सेवा समिति के मीडिया प्रभारी प्रियांशु दीक्षित ने बताया कि हर साल यहां पर लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष का वितरण निशुल्क किया जाता है। दरअसल, यहां शिवमहापुराण के दौरान एक करोड़ से ज्यादा रुद्राक्ष अभिमंत्रित किए गए थे। रुद्राक्ष निशुल्क दिए जा रहे हैं. इसके लिए नौ काउंटर बनाए गए हैं, सभी काउंटर पर भक्त लाइन लगाकर रुद्राक्ष ले रहे हैं। कुल नौ काउंटर से रुद्राक्ष वितरित किए जा रहे हैं। इनमें आठ काउंटर सामान्य लोगों के लिए और एक काउंटर दिव्यांगों के लिए बनाया गया है।

उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे से लेकर शाम पांच बजे तक रुद्राक्ष वितरित किया जाता है। इसके लिए कोई कीमत नहीं ली जा रही है। ये पूरी तरह निशुल्क हैं। एक बार लाइन में करीब 8000 से 9000 रुद्राक्ष दिए जाते हैं। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए तमाम इंतजाम किए गए हैं। समिति द्वारा निशुल्क भोजन व शीतल पेय वितरित किया जा रहा है। धाम पर जो मशीनें लगी हैं, उनसे कुछ ही देर में 50 हजार लोगों का भोजन तैयार हो जाता है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन ने यहां व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती की है। बैरिकेडिंग की गई है। वहीं कुबेरेश्वर धाम में वाहनों की पार्किंग के पर्याप्त इंतजाम हैं।