शिक्षक वेतन भुगतान: उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक की ड्यूटी कर रहे वरिष्ठ शिक्षकों के लिए राहत भरी खबर है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन शिक्षकों के हित में बड़ा फैसला दिया है। इसके तहत वरिष्ठ शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद के वेतन के साथ एरियर का लाभ भी मिलेगा।
ये है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, यूपी के बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी स्कूलों में वर्षों से प्रभारी प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत सहायक अध्यापकों ने प्रधानाध्यापक के वेतन भुगतान के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट से गुहार लगाई थी। 2010 से गोरखपुर के प्राथमिक विद्यालय के प्रभारी प्रधानाध्यापक रहे त्रिपुरारी दुबे और 2005 से प्रभारी प्रधानाध्यापक की जिम्मेदारी संभाल रहे कुछ अन्य शिक्षकों ने नवंबर 2022 में हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी और कहा था कि इसके बावजूद प्रधानाध्यापक के पद पर कार्य करते हुए उन्हें सहायक अध्यापक का वेतन मिल रहा था। है।
याचिकाकर्ता और अन्य शिक्षकों को सहायक शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया था, बाद में वे उच्च प्राथमिक विद्यालय में वरिष्ठ शिक्षक के रूप में काम करने लगे। याचिका में कहा गया कि वह 31 मई 2014 से प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत हैं.
इस पर राज्य सरकार की ओर से तर्क दिया गया कि प्रधानाध्यापक का वेतन उन्हीं को दिया जा सकता है जो नियमित रूप से प्रधानाध्यापक पद के लिए चयनित हुए हों, उनका चयन नियमित रूप से प्रधानाध्यापक पद के लिए नहीं हुआ है, इसलिए प्रधानाध्यापक पद का वेतन दिया जा सकता है. हेडमास्टर नहीं दिया जा सकता. हां, भले ही उनसे हेडमास्टर की नौकरी ली जा रही हो.
प्रधानाध्यापक पद का वेतन एरियर सहित भुगतान करने का आदेश
दोनों पक्षों को सुनने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सरकार की दलीलों को खारिज कर दिया और इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट के डॉ. जयप्रकाश नारायण सिंह और अरिंदम चट्टोपाध्याय व अन्य बनाम पश्चिम बंगाल सरकार के मामले का हवाला देते हुए शिक्षकों की याचिका स्वीकार कर ली। न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने त्रिपुरारी दुबे व अन्य शिक्षकों की याचिका स्वीकार करते हुए वरिष्ठ शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद का वेतन एरियर सहित देने का निर्देश दिया है। इन शिक्षकों को प्रधानाध्यापक पद पर कार्यभार ग्रहण करने की तिथि 31 मई 2014 से एरियर सहित भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।