नई दिल्ली, 22 मई (हि.स.)। सुप्रीम कोर्ट के बहुत कम घंटे काम करने और छुट्टियां लेने पर की गई टिप्पणी पर जस्टिस दीपांकर दत्ता ने कहा कि केंद्र सरकार के सभी सदस्यों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पहले बिना देरी किए याचिकाएं दाखिल की जाएं।
जस्टिस दत्ता ने कहा कि य़ह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि जजों की हर संभव कोशिशों के बावजूद यह कहा जाता है कि जज बहुत कम घंटे काम करते हैं। यह कहने वाले वो लोग हैं, जो सरकार का हिस्सा हैं। कोर्ट ने कहा कि ऐसा आरोप लगाने वाले यह भी देखें कि केंद्र सरकार की याचिकाओं में से कोई भी तय समय में दाखिल नहीं होती हैं। कोर्ट की आलोचना करने वालों को पता होना चाहिए कि हम रात को भी काम पर होते हैं। अवकाश में भी हमारा काम खत्म नहीं होता है, वह जारी रहता है।
दरअसल, हेमंत सोरेन की याचिका पर सुनवाई के दौरान जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के काम काज पर एक बड़ा लेख लिख कर आरोप लगया गया था।